अब 3डी प्रिंटेड कोशिकाओं से बनाए जा सकेंगे लिगामेंट और टेंडन
वैज्ञानिकों ने लिगामेंट और टेंडन आदि बनाने के लिए 3डी कोशिका प्रिंट करने का तरीका विकसित कर लिया है।
न्यूयॉर्क, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने लिगामेंट (हड्डी को हड्डी से जोड़ने वाले ऊतक ) और टेंडन (हड्डी को मांसपेशी से जोड़ने वाले ऊतक) आदि बनाने के लिए 3डी कोशिका प्रिंट करने का तरीका विकसित कर लिया है। यह क्षतिग्रस्त लिगामेंट व टेंडन या डिस्क की किसी समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए लाभकारी होगा। इस पद्धति से ऊतक (टिश्यू) का 3डी प्रिंट तैयार कर क्षतिग्रस्त ऊतकों को आसानी से बदला जा सकता है। वैज्ञानिक इस सफलता से बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे उपचार में आसानी होगी।
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ उटा के प्रोफेसर रॉबी बाउल्स ने कहा, ‘इस तकनीक से बिना किसी सर्जरी या शरीर के अन्य भाग से टिश्यू निकाले बिना ही क्षतिग्रस्त टिश्यू को बदला जा सकता है। फलस्वरूप मरीज सर्जरी के बाद होने वाली समस्याओं से भी बच जाएगा।’
इस तरह किया तैयार
3डी प्रिंट तैयार करने के लिए मरीज के शरीर में मौजूद वसा से स्टेम सेल (ऐसी कोशिकाएं जिससे नई कोशिकाएं बनाई जाती हैं) निकाला गया। इन कोशिकाओं को फिर 3डी प्रिंटर की मदद से हाइड्रोजेल की परत पर प्रिंट कर लिंगामेंट और टेंडन बनाए गए। फिर उन्हें ट्यूब में विकसित किया गया। शोधकर्ताओं ने 3डी प्रिंट बनाने के लिए अमेरिका स्थित कार्टेरा कंपनी की मदद ली थी। यह कंपनी दवाओं के लिए माइक्रोफ्लूडिक डिवाइस तैयार करती है।
जटिल कोशिकीय संरचनाएं बनाना भी संभव
वैज्ञानिकों का कहना है कि लिंगामेंट और टेंडन दोनों ही ऊतक की संरचना अत्यंत जटिल होती है। इसी कारण इनके लिए कोशिकाओं का 3डी प्रिंट बनाना आसान नहीं था। बाउल्स ने कहा, ‘नई तकनीक से जटिल कोशिकीय संरचनाएं भी बनाई जा सकती हैं, जबकि पुरानी तकनीकों से यह संभव नहीं था। इसकी मदद से कोशिकाओं को शरीर में सटीक जगह पहुंचाया जा सकता है।’