Move to Jagran APP

नए शोध में दावा, नई भाषा सीखने से सुधरती है याददाश्त

उल्लेखनीय है कि याददाश्त सुधारने के लिए ब्रेन ट्रेनिंग पर तो जोर दिया जाता है लेकिन उसके लिए दूसरी भाषा सीखने जैसे उपाय को महत्व नहीं दिया जाता है। जबकि यह पाया गया है कि भाषा सीखना ब्रेन ट्रेनिंग से ज्यादा सुखद अनुभव देने वाला होता है।

By Neel RajputEdited By: Published: Wed, 27 Oct 2021 12:42 PM (IST)Updated: Wed, 27 Oct 2021 04:07 PM (IST)
मस्तिष्क के लिए सुरक्षात्मक प्रभाव पैदा होने से कम होता है डिमेंशिया का जोखिम

वाशिंगटन, एएनआइ। याददाश्त बढ़ाने के लिए कई उपाय और प्रयोग होते रहे हैं। इसी क्रम में बायक्रेस्ट और यार्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक नए अध्ययन में बताया गया है कि कोई दूसरी नई भाषा सीखना मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार लाने का एक सुखद तरीका है और इससे याददाश्त बढ़ती है। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि जिन बुजुर्गों ने नई भाषा (स्पैनिश) का अध्ययन किया, उनमें कुछ खास संज्ञानात्मक कौशल में वैसा ही सुधार आया, जैसा कि उस कौशल में निखार लाने के लिए ब्रेन ट्रेनिंग की गतिविधियों से आता है। यह निष्कर्ष एजिंग न्यूरोसाइकोलाजी एंड काग्निशन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

loksabha election banner

यह निष्कर्ष इस मायने में उल्लेखनीय है कि याददाश्त सुधारने के लिए ब्रेन ट्रेनिंग पर तो जोर दिया जाता है, लेकिन उसके लिए दूसरी भाषा सीखने जैसे उपाय को महत्व नहीं दिया जाता है। जबकि यह पाया गया है कि भाषा सीखना ब्रेन ट्रेनिंग से ज्यादा सुखद अनुभव देने वाला होता है।

अध्ययन के प्रमुख लेखक व बायक्रेस्ट के कनाडा रिसर्च चेयर इन इंटरनेशनल काग्निटिव न्यूरोसाइंस के जेड मेल्टजर ने बताया कि यह निष्कर्ष काफी उत्साहवर्धक है, क्योंकि इसमें इस बात का संकेत मिलता है कि बुजुर्गो में इस प्रकार की गतिविधियों से संज्ञानात्मक सुधार आता है और वे इन गतिविधियों में खुशी-खुशी हिस्सा भी लेते हैं।

इसका भी प्रमाण मिला है कि द्विभाषी होना एक प्रकार से मस्तिष्क के स्वास्थ्य लिए सुरक्षात्मक प्रभाव पैदा करता है और एक भाषा जानने वालों की तुलना में उनमें बाद में डिमेंशिया जैसी बीमारी का खतरा होता है। हालांकि पूरी तरह से द्विभाषी हुए बगैर दूसरी भाषा सीखने की प्रक्रिया में संज्ञानात्मक प्रभाव के बारे में फिलहाल काफी कम जानकारी है।

यार्क यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के शोधकर्ता प्रोफेसर डाक्टर एलेन बेलस्टाक ने बताया कि हमारे अध्ययन के प्रतिभागियों में यह देखा गया कि धाराप्रवाह स्पैनिश बोलने में सक्षम होने से पहले ही उनमें उल्लेखनीय संज्ञानात्मक सुधार हुआ।

क्या निकला निष्कर्ष : शोधकर्ताओं ने 16 सप्ताह बाद दोनों समूह के लोगों का परीक्षण किया। पाया कि जिन लोगों ने भाषा सीखी उनमें संज्ञानात्मक सुधार का स्तर ब्रेन ट्रेनिंग लेने वालों के बराबर ही था। इसमें प्रतिभागियों में टास्क को लेकर प्रतिबद्धता तथा उनके सुखद अहसास के स्तर का भी आकलन किया गया। दोनों ही समूहों के प्रतिभागियों में क्रियाशील स्मृति (वर्किग मेमोरी) तथा एग्जीक्यूटिव फंक्शन (जैसे कि विरोधाभासी सूचनाओं को मैनेज करना, किसी विषय पर केंद्रित रहना व ध्यान भटकने नहीं देना) में सुधार एक जैसा था।

हालांकि, ब्रेन ट्रेनिंग लेने वाले समूह के प्रतिभागियों में प्रोसेसिंग स्पीड तुलनात्मक रूप से ज्यादा थी, जो अपेक्षित ही था क्योंकि प्रशिक्षण में कौशल विकास को निखारने पर ही जोर होता है। दूसरी ओर, भाषा सीखने वालों पर चूंकि कोई दबाव नहीं था, इसलिए उनमें खुशी या सुखद अहसास का स्तर ज्यादा था।

द्विभाषी होने से बेहतर है दिमाग। फाइल फोटो

अध्ययन का स्वरूप

अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 65-75 वर्ष उम्र वाले 76 लोगों को शामिल किया। सभी प्रतिभागी सिर्फ एक भाषा बोलते थे और वे संज्ञानात्मक तौर पर स्वस्थ थे। उन्होंने पहले न तो कभी स्पैनिश सीखा था और न ही पिछले 10 सालों में कोई दूसरी भाषा पढ़ी थी। इन सभी प्रतिभागियों को बिना किसी मानक या आधार पर तीन समूहों में बांटा गया- पहले समूह में भाषा सीखने वालों को रखा गया, दूसरे समूह में वे थे, जिन्हें ब्रेन ट्रेनिंग दिया जाना था। तीसरे समूह (कंट्रोल ग्रुप) के लोगों को न तो भाषा सिखाना था और न ही ब्रेन ट्रेनिंग दी जानी थी।

शोध की प्रक्रिया

भाषा सीखने वालों और ब्रेन ट्रेनिंग लेने वालों को 16 सप्ताह तक उनके टास्क दिए गए। इन दौरान प्रति सप्ताह पांच दिन 30-30 मिनट में उनसे निर्धारित गतिविधियां कराई गईं। स्पैनिश भाषा सीखने वालों को आनलाइन एप के जरिये भाषा सीखने का काम दिया गया। इसी प्रकार ब्रेन ट्रेनिंग के तहत विशिष्ट तकनीक से प्रशिक्षण दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.