Move to Jagran APP

चिंताजनक : शारीरिक श्रम की कमी से बढ़ता है स्ट्रोक का खतरा, जानें क्या है इससे बचने के उपाय

अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधियों की कमी से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। 2010 में जहां 35 से 64 आयुवर्ग में स्ट्रोक से मृत्यु का अनुपात प्रति लाख लोगों पर 14.7 था वहीं 2016 में यह बढ़कर 15.4 हो गया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 10:17 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 10:17 AM (IST)
अमेरिकी वयस्क स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टेलीविजन जैसे मीडिया पर दिन में औसतन साढ़े 10 घंटे का समय बिताते हैं।

वाशिंगटन, एएनआइ। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक गतिविधियां बहुत जरूरी हैं। इनकी कमी से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अब इस दिशा में किए गए एक नवीन अध्ययन में सामने आया है कि 60 वर्ष से कम उम्र के वे लोग जो लंबा समय बिना किसी शारीरिक श्रम के बिताते हैं उनमें स्ट्रोक की आशंका अधिक हो सकती है। इनमें कंप्यूटर, टीवी आदि पर लंबा समय बिताने वाले मुख्य रूप से शामिल हैं।

loksabha election banner

अध्ययन के निष्कर्ष स्ट्रोक नामक जर्नल में प्रकाशित किए गए हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिकी वयस्क स्मार्टफोन, कंप्यूटर या टेलीविजन जैसे मीडिया पर दिन में औसतन साढ़े 10 घंटे का समय बिताते हैं। वहीं, अध्ययन में यह भी सामने आया है कि 50 से 64 वर्ष के लोग मीडिया को सबसे ज्यादा समय देते हैं।

कम उम्र के लोगों में खतरा अधिक

अध्ययन के निष्कर्ष ये भी बताते हैं कि 2010 में 65 या उससे अधिक आयु के लोगों में स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु की संख्या में कमी आई है, जबकि दूसरी तरफ 35 से 64 आयुवर्ग के लोगों में स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, 2010 में जहां 35 से 64 आयुवर्ग में स्ट्रोक से मृत्यु का अनुपात प्रति लाख लोगों पर 14.7 था, वहीं 2016 में यह बढ़कर 15.4 हो गया।

यह आ चुका है सामने

पूर्व में किए गए एक अध्ययन में यह सामने आ चुका है कि जो लोग जितना अधिक समय बिना शारीरिक गतिविधियों के बिताते हैं उनमें हृदय संबंधी रोग और स्ट्रोक का खतरा उतना बढ़ जाता है। स्ट्रोक के 10 में से नौ मामलों में खतरा निष्कि्रयता की वजह से बढ़ता है।

बढ़ रही है निष्कि्रयता

इस अध्ययन के लेखक और कनाडा में कैलगरी विश्वविद्यालय के कमिंग स्कूल आफ मेडिसिन में स्ट्रोक फेलो राएड ए जौंडी के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा के लोगों में निष्कि्रयता का समय बढ़ रहा है। यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि शारीरिक गतिविधियों में कमी से स्ट्रोक का खतरा बढ़ रहा है। हमारे अध्ययन के निष्कर्ष इस बात की पुष्टि करते हैं।

इस तरह किया अध्ययन

इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 1.43 लाख ऐसे वयस्कों के स्वास्थ्य और जीवनशैली का विश्लेषण किया, जिन्हें पूर्व में कभी स्ट्रोक, हृदय रोग या कैंसर की कोई शिकायत नहीं रही। इन लोगों ने वर्ष 2000, 2003, 2005, 2007-2012 में कनाडाई सामुदायिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में भाग लिया था। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों का औसतन 9.4 वर्षो तक (31 दिसंबर, 2017 तक) अनुसरण किया और अस्पताल के रिकार्ड के साथ लिंकेज के माध्यम से स्ट्रोक की पहचान की।

इन चीजों पर दिया ध्यान

शोधकर्ताओं ने अध्ययन के दौरान प्रतिभागियों की गतिविधियों को रिकार्ड किया। इसमें उनके आराम से बैठने वाली गतिविधियां प्रमुख थीं, जिनमें कंप्यूटर, पढ़ने और टीवी देखने पर बिताए गए घंटे शामिल थे। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग आठ घंटे से अधिक समय ऐसी गतिविधियों में बिता रहे थें, जिनमें उनका शारीरिक श्रम नगण्य था उनमें स्ट्रोक का खतरा सात गुना तक अधिक था। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में यह भी देखा कि निष्कि्रयता का समय बढ़ने से स्ट्रोक की आशंका बढ़ती है और समय कम होने से इसकी आशंका कम।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.