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क्या है 5जी से उड़ानों को होने वाली परेशानी, समझें पूरा मामला-

4200 से 4400 मेगाह‌र्ट्ज पर विमानों के एल्टीमीटर काम करते हैं। अमेरिका में 5जी के लिए 3700 से 3980 मेगाह‌र्ट्ज की नीलामी हुई। 5जी के अधिकतम बैंडविड्थ और एल्टीमीटर की बैंडविड्थ के बीच 500 मेगाह‌र्ट्ज से भी कम अंतर के कारण विमानन कंपनियों ने चिंता जताई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 02:34 AM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 02:34 AM (IST)
क्या है 5जी से उड़ानों को होने वाली परेशानी, समझें पूरा मामला-
क्या है 5जी से उड़ानों को होने वाली परेशानी, समझें पूरा मामला-

वाशिंगटन , [न्यूयार्क टाइम्स]।  अमेरिका में 5जी टेलीकाम सेवाओं को लेकर नया विवाद छिड़ा हुआ है। विभिन्न विमानन कंपनियों का कहना है कि 5जी सेवा के शुरू होने से वहां उड़ानों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर 5जी सेवा से विमानों को क्या परेशानी हो सकती है? इसका उत्तर छिपा है पिछली सदी के तीसरे दशक में विमानों के लिए बनाए गए एक उपकरण में।

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रेडियो एल्टीमीटर है उपकरण का नाम 

विमानों में रेडियो एल्टीमीटर नाम का एक उपकरण होता है। करीब 100 साल पहले बना यह उपकरण ही आज टेलीकाम और विमानन कंपनियों के बीच तकरार का कारण बना हुआ है। दरअसल एल्टीमीटर की मदद से पायलट को विमान की जमीन से ऊंचाई और अन्य वस्तुओं से दूरी का पता चलता है। एल्टीमीटर से मिली रीडिंग अपने आप विमान में फीड होती है और विमान उसके अनुरूप काम करता है। विशेषज्ञों की चिंता यह है कि अमेरिका में 5जी सेवा के लिए जिस बैंडविड्थ की नीलामी हुई है, वह उस बैंडविड्थ के बहुत करीब है, जिस पर एल्टीमीटर काम करता है। डर यह है कि यदि 5जी टेलीकाम सेवाएं शुरू होने से उस बैंडविड्थ पर ट्रैफिक बढ़ा तो एल्टीमीटर की रीडिंग प्रभावित हो सकती है। एल्टीमीटर की रीडिंग में किसी भी तरह की गलती विमान के लिए घातक हो सकती है।

5जी टेलीकाम सेवा शुरू कर चुके अन्य देशों में इससे कोई परेशानी नहीं होने का कारण यही है कि वहां 5जी के लिए अमेरिका की तुलना में कम बैंडविड्थ की नीलामी हुई है। इसलिए वहां 5जी के कारण एल्टीमीटर की रीडिंग में कोई खतरा नहीं है। अमेरिका में टेलीकाम कंपनियां एटीएंडटी व वेराइजन का कहना है कि उन्होंने इस बारे में जरूरी तैयारी की है और 5जी सेवाओं से कोई उड़ानों को कोई खतरा नहीं होगा। कंपनियां एयरपोर्ट के आसपास बफर जोन बनाते हुए 5जी सेवा नहीं देने की बात पर भी सहमत हुई हैं। फिलहाल पूरी दुनिया की निगाह अमेरिका के घटनाक्रम पर टिकी हुई है।

भारत में नहीं है कोई खतरा

 स्पेक्ट्रम से संबंधित मुद्दों पर काम करने वाले आइटीयू-एपीटी फाउंडेशन ने कहा है कि भारत में 5जी से विमान सेवाओं पर कोई दुष्प्रभाव पड़ने का कोई खतरा नहीं है। भारत में फाउंडेशन के प्रेसिडेंट भारत भाटिया ने कहा, 'भारत में 5जी के लिए 3300 से 3650 मेगाह‌र्ट्ज बैंडविड्थ की नीलामी की तैयारी है। विमानों के एल्टीमीटर की रेंज से यह 500 मेगाह‌र्ट्ज से ज्यादा दूर है। इसलिए भारत में 5जी से विमानों को कोई परेशानी नहीं होगी।' 


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