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ISS पहुंचा कल्पना चावला सिग्नस अंतरिक्ष यान, कैंसर की दवा पर भी काम करेगा यह यान, पढ़ें- इसके बारे में

नासा का कार्गो अंतरिक्षयान है ये जिसका नाम दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है। कैंसर की दवा पर भी काम करेगा नासा का यह यान। इसका नाम डॉ. कल्पना चावला के सम्मान में रखा गया है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 05 Oct 2020 08:23 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 08:23 PM (IST)
ISS पहुंचा कल्पना चावला सिग्नस अंतरिक्ष यान, कैंसर की दवा पर भी काम करेगा यह यान, पढ़ें- इसके बारे में
डॉ. कल्पना चावला के सम्मान में NASA का कार्गो अंतरिक्षयान।

वाशिंगटन, आइएएनएस। नासा का कार्गो अंतरिक्षयान जिसका नाम दिवंगत अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के नाम पर रखा गया है, वह सोमवार को भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आइएसएस) पहुंच गया है। 'एस एस कल्पना चावला सिग्नस अंतरिक्ष यान' सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में कैंसर की दवाओं का परीक्षण करने के लिए एक कैंसर उपचार तकनीक की आवश्यक वस्तुओं को भी अपने साथ लेकर गया है।

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नॉर्थरोप ग्रुमेन ने एनजीआर-14 मिशन के लिए अपने अगले सिग्नस वाहन को वर्जीनिया में मिड-अटलांटिक क्षेत्रीय स्पेसपोर्ट से दो अक्टूबर 2020 को लांच किया था। यह कैप्सूल हजारों किलोग्राम के उपकरण, चालक दल की आपूíत और शोध से नई जानकारियां प्रदान करेगा।

एस.एस. कल्पना चावला सिग्नस कैप्सूल एक दबावयुक्त कार्गो मॉड्यूल है जिसे इटली के ट्यूरिन में थेल्स एलेनिया स्पेस ने बनाया है। इसके सर्विस मॉड्यूल में दो सोलर नेविगेशन उपकरण और प्रोपलजन तत्व वर्जीनिया में बनाए गए हैं।

इसका नाम डॉ. कल्पना चावला के सम्मान में रखा गया है जो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। अंतरिक्ष में जीवित पौधों की उत्तरजीविता और व्यवहार्यता के बारे में जानने के लिए कैप्सूल ने मूली-उगाने वाला प्रयोग भी किया है। यह सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण स्थितियों में कैंसर की दवाओं का परीक्षण करने के लिए एक कैंसर उपचार तकनीक की आवश्यक वस्तुओं को भी अपने साथ लेकर गया है।

कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कालेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 1982 में अमेरिका चली गईं। उन्होंने वर्ष 1997 में एक प्राथमिक रोबोटिक आर्म ऑपरेटर और एक मिशन विशेषज्ञ के रूप में उड़ान भरी। एक अंतरिक्ष मिशन के दौरान कोलंबिया अंतरिक्ष यान के पृथ्वी पर वापस लौटते समय हुए एक भीषण हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी।


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