Move to Jagran APP

जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोविड वैक्सीन 66 फीसद असरदार, WHO ने टीकाकरण को लेकर कही यह बात

अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की कोविड-19 वैक्सीन की एक अकेली खुराक हल्के और गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए 66 फीसद तक असरदार पाई गई है। ये तीसरे चरण के निष्कर्ष हैं जिनमें 44 हजार वालंटियर को शामिल किया गया था।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 30 Jan 2021 07:21 PM (IST)
जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज कोविड वैक्सीन 66 फीसद असरदार, WHO ने टीकाकरण को लेकर कही यह बात
जॉनसन एंड जॉनसन की कोरोना वैक्सीन 66 फीसद तक असरदार पाई गई है।

वाशिंगटन [द न्यूयॉर्क टाइम्स]। अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की तरफ से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन की एक अकेली खुराक हल्के और गंभीर बीमारियों को रोकने के लिए 66 फीसद तक असरदार पाई गई है। ये तीसरे चरण के निष्कर्ष हैं और इसमें 44,000 वालंटियर को शामिल किया गया था। एक चिंताजनक बात यह है कि वैक्सीन कोरोना वायरस को रोकने में तो असरदार है, लेकिन वायरस के वैरिएंट से निपटने में इसका प्रभाव कम हो जाता है।

loksabha election banner

अलग-अलग क्षेत्रों में अलग अलग प्रभाव

शुक्रवार को कंपनी ने कहा कि अमेरिका और अन्य सात देशों में कोरोना वैक्सीन की एक खुराक मध्यम से गंभीर बीमारी की स्थिति में 66 फीसदी प्रभावी रही है। कंपनी के बयान के मुताबिक अलग-अलग क्षेत्रों में इसका प्रभाव अलग रहा। अमेरिका में वैक्सीन ने बहुत बेहतरीन काम किया, यहां यह वायरस के ऊपर 72 फीसदी तक प्रभावी है।

लातिन अमेरिकी देशों में 66 फीसद प्रभावी

लातिन अमेरिकी देशों में वैक्सीन 66 फीसद प्रभावी पाई गई है। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में यह वैक्सीन 57 फीसदी तक प्रभावी रही। कंपनी के वैश्विक शोध प्रमुख डॉक्टर मिथाई मैमन ने कहा कि एक खुराक का जुआ खेलना वास्तव में लाभदायक रहा। पूरी दुनिया में टीकाकरण के मार्ग में आई बाधाओं को देखते हुए विशेषज्ञ एक खुराक पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।

जल्‍द मंजूरी मिलने की उम्‍मीद

कंपनी ने कहा कि अमेरिकी में आपातकालीन प्रयोग के लिए वह एक हफ्ते के अंदर आवेदन देगी और फिर विदेशों में आवेदन किया जाएगा। इसके अलावा कंपनी को उम्मीद है कि अमेरिका में मंजूरी मिलते ही इसकी खेप बाहर भी भेजना शुरू कर दी जाएगी। अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रिेशन (एफडीए) ने पिछले महीने आपातकालीन प्रयोग के लिए कोरोना के दो टीकों को मंजूरी प्रदान की थी।

अत्यधिक ठंड की भी जरूरत नहीं

एक को मॉर्डना ने विकसित किया है जबकि दूसरे को जर्मन कंपनी बायोएनटेक के साथ मिलकर फाइजर ने बनाया है। मॉर्डना और फाइजर के विपरीत जॉनसन एंड जॉनसन की जहां सिंगल डोज देनी पड़ती है वहीं इसकी वैक्सीन को अत्यधिक ठंड में भी रखने की जरूरत नहीं पड़ती है।

टीकाकरण से महामारी को रोकने में मिलेगी मदद: डब्ल्यूएचओ

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधनोम घेब्रेयेसस ने कहा कि टीकाकरण से महामारी को काबू करने में मदद मिल सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी चिंता जताई है कि अगर टीका वितरण ठीक तरह से नहीं किया गया तो इसे असमानता बढ़ेगी। उधर, यूरोपीय आयोग ने एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को सशर्त मंजूरी प्रदान कर दी है। वियतनाम ने भी एस्ट्राजेनेका के टीके को मंजूरी प्रदान कर दी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.