कोरोना की इस वैक्सीन की सिंगल डोज होगी काफी, अंतिम चरण का ट्रायल शुरू
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन काफी दमदार दावा कर रही है जिसकी वजह से दुनियाभर का ध्यान इसने आकर्षित किया है। वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में लगभग 60 हजार वॉलंटिअर्स पर जांच करने की योजना है।
न्यूयॉर्क, एपी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस भले ही यह कह चुके हों कि दुनियाभर में बन रही कोरोना वायरस की वैक्सीन में से कौन-सी काम करेगी, इसकी कोई गारंटी नहीं हैं, लेकिन इस बीच जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 की ऐसी वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल शुरू कर दिया है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है कि इसकी एक खुराक ही संक्रमण खत्म करने के लिए काफी होगी। दुनियाभर में अभी लगभग 150 वैक्सीन पर काम हो रहा है। कुछ वैक्सीन अपने अंतिम चरण हैं। हालांकि, डॉक्टर्स द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि वैक्सीन की एक से ज्यादा खुराक संक्रमण खत्म करने के लिए लेनी होंगी। कुछ डॉक्टर्स का यह भी कहना है कि लोगों को हर साल कोरोना वैक्सीन लेनी पड़ सकती है, तभी संक्रमण से बचा जा सकता है।
ऐसे में जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन काफी दमदार दावा कर रही है, जिसकी वजह से दुनियाभर का ध्यान इसने आकर्षित किया है। वैक्सीन के अंतिम चरण के ट्रायल में लगभग 60 हजार वॉलंटिअर्स पर जांच करने की योजना है। बता दें कि अभी तक किसी वैक्सीन का ट्रायल इतने लोगों पर नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन का ट्रायल अमेरिका के अलावा दक्षिण अफ्रीका, अर्जंटीना, ब्राजील, चिली, कोलंबिया, मेक्सिको और पेरू में हो रहा है।
अगर इस वैक्सीन का अंतिम ट्रायल सफल रहता है, तो पूरी दुनिया को कोरोना वायरस से छुटकारा मिल सकता है, वो भी सिर्फ एक खुराक में। कंपनी का दावा है कि इसे सबजीरो तापमान में स्टोर करने की जरूरत नहीं है। वहीं, इसकी दो नहीं, सिर्फ एक खुराक को दिए जाने से इम्यूनिटी विकसित हो सकती है। हालांकि, कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर डॉ. पॉल स्टॉफल का कहना है कि साल के अंत तक ही शोध के परिणाम सामने आएंगे। तभी यह पता चलेगा कि वैक्सीन कितनी सुरक्षित और असरदार है या फिर इसके कोई दुष्परिणाम तो नहीं हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी की वैक्सीन का नाम Adenovirus है। यह कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन का जीन इंसान के शरीर में पहुंचाती है। वैसे बता दें कि रूस कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा कर चुका है और अब पुतिन सरकार दूसरी वैक्सीन भी लाने जा रही है। हालांकि, किसी भी देश ने अभी तक रूस की वैक्सीन पर भरोसा नहीं जताया है।