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US: अमेरिका में भारतीयों के चेहरे खिले, पांच लाख भारतीयों को नागरिकता देंगे बाइडन

संभावना जताई जा रही है कि बाइडन प्रशासन परिवार आधारित आव्रजन प्रणाली का समर्थन करेगा और अमेरिका के आव्रजन प्रणाली के मूल सिद्धांत के रूप में परिवार के एकीकरण को संरक्षित करेगा। जो रोडमैप तैयार किया जाएगा उसमें परिवार वीजा बैकलॉग को कम करना भी शामिल है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 08 Nov 2020 03:37 PM (IST)Updated: Sun, 08 Nov 2020 04:11 PM (IST)
अमेरिका के हाने वाले राष्‍ट्रपति जो बाइडन की फाइल फोटो।

वाशिंगटन, एजेंसी। डोनाल्ड ट्रंप को हराकर अमेरिकी राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले जो बाइडन एक करोड़ से ज्यादा अप्रवासियों को अमेरिकी नागरिकता देंगे। बाइडन जिन 1.1 करोड़ अप्रवासी लोगों को नागरिकता देने की दिशा में रोडमैप बनाने का काम करेंगे, उनमें पांच लाख भारतीय भी हैं। जो बाइडन के चुनावी अभियान के दस्तावेज में कहा गया है, 'बाइडन तुरंत संसद के साथ काम करना शुरू कर देंगे ताकि आव्रजन सुधार संबंधी कानून पारित किया जा सके। इसके तहत 1.1 करोड़ ऐसे अप्रवासियों को नागरिकता का रोडमैप तैयार किया जाएगा, जिनके पास दस्तावेज नहीं हैं। इसमें भारत के पांच लाख से अधिक अप्रवासी शामिल हैं।'

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संभावना जताई जा रही है कि बाइडन प्रशासन परिवार आधारित आव्रजन प्रणाली का समर्थन करेगा और अमेरिका के आव्रजन प्रणाली के मूल सिद्धांत के रूप में परिवार के एकीकरण को संरक्षित करेगा। जो रोडमैप तैयार किया जाएगा उसमें परिवार वीजा बैकलॉग को कम करना भी शामिल है। इसके साथ ही बाइडन का नया प्रशासन अमेरिका में प्रत्येक वर्ष आने वाले शरणार्थियों की तय न्यूनतम संख्या 95,000 पर भी संसद के साथ काम करेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि बाइडन यह संख्या 1.25 लाख भी करने की योजना पर काम करेंगे। इससे अमेरिका में आने वाले शरणाíथयों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।

बढ़ सकती है ग्रीन कार्ड वीजा की सीमा

रोजगार आधारित वीजा को ग्रीन कार्ड के नाम से भी जाना जाता है। इसकी मदद से अमेरिका में प्रवासियों को कानूनी रूप से स्थायी नागरिकता मिलती है। वर्तमान में प्रति वर्ष एक लाख चालीस हजार लोगों को ग्रीन कार्ड दिया जाता है। बाइडन के पॉलिसी डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि वे संसद के साथ मिलकर इस संख्या को बढ़ाने का प्रयास करेंगे। इसी साल जून में ट्रंप ने एच1बी वीजा समेत अन्य सभी विदेशी वीजा पर वर्ष के अंत तक रोक लगा दी थी। ऐसा इसलिए किया था ताकि अमेरिकियों को नौकरी मिल सके।


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