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अफगानिस्तान के हालातों पर अशरफ गनी से मिलेंगे बाइडन, आतंकियों को देश से खदेड़ने पर होगी चर्चा

अप्रैल में राष्ट्रपति बाइडन ने घोषणा की थी कि अमेरिका 11 सितंबर को आतंकी हमलों की 20 वीं वर्षगांठ तक अफगानिस्तान से सभी शेष सैनिकों को वापस बुला लेगा। वहीं अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी अमेरिकी के इस फैसले का सम्मान किया था।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:51 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 08:51 AM (IST)
अफगानिस्तान के हालातों पर अशरफ गनी से मिलेंगे बाइडन, आतंकियों को देश से खदेड़ने पर होगी चर्चा
अफगानिस्तान फिर से आतंकवादी समूहों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह न बने, यह सुनिश्चित करने पर होगी चर्चा

वाशिंगटन, पीटीआई। अमेरिका के नेतृत्व वाली नाटो देशों की सेनाओं की वापसी के बाद अफगानिस्तान आतंकवादियों का बड़ा गढ़ बन सकता है। इन्हीं आशंकाओं को दूर करने के लिए ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी आमने-सामने की मुलाकात में भविष्य की रणनीति तय करेंगे। व्हाइट हाउस 25 जून को दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की मुलाकात को लेकर अपनी योजना को तैयार कर रहा है। अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला भी वार्ता में इसीलिए शामिल हो रहे हैं, जिससे ठोस रणनीति बनाई जा सके।

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अमेरिका की सेना 11 सिंतबर तक पूरी तरह से वापस लौट रही है। वर्तमान में तालिबान व अन्य आतंकवादी संगठन अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं और हिंसा के बीच लगातार कई जिलों पर कब्जा कर रहे हैं। उसने अमेरिका की परेशानी बढ़ा दी है। अमेरिका का मानना है कि अफगानिस्तान में आतंकवादियों के पैर जमाते ही उसके देश की भी सुरक्षा के लिए खतरा पैदा होने लगेगा। तालिबान व अन्य आतंकी संगठनों को अफगानिस्तान में जमने से रोकने के लिए ही दोनों देशों की बैठक आयोजित की गई है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने पत्रकारों से सोमवार को कहा कि इस मुलाकात के दौरान इस बात पर भी चर्चा होगी कि वे मानवीय सहायता को लागू करने के लिए एक साथ कैसे काम कर सकते हैं। अमेरिका भले ही अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला रहा है लेकिन उसकी तरफ से किए गए अन्य मदद के वादों को पूरा करने के लिए वह प्रतिबद्ध है और इस पर भी मुलाकात के दौरान चर्चा होगी। 

बता दें कि फरवरी, 2020 समझौते के तहत अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी शुरू हो गई है जो कि 11 सितंबर तक पूरी हो जाएगी। अप्रैल में, राष्ट्रपति बाइडन ने घोषणा की थी कि अमेरिका 11 सितंबर को आतंकी हमलों की 20 वीं वर्षगांठ तक अफगानिस्तान से सभी शेष सैनिकों को वापस बुला लेगा। एक घातक संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास में यह कदम उठाया गया था। इस संघर्ष में खरबों डॉलर खर्च हुए थे और 2,300 से अधिक अमेरिकी सैनिकों की जान चली गई थी। बाइडन ने स्पष्ट किया कि अफगानिस्तान में सतत सैन्य रणनीति ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकेगी।

बाइडन की घोषणा के जवाब में अफगान राष्ट्रपति गनी ने कहा कि वो इस साल सितंबर तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने के अमेरिका के फैसले का सम्मान करते हैं। गनी ने बताया कि अफगानिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बल फरवरी 2020 के यूएस-तालिबान समझौते के बाद से लोगों और देश की रक्षा के लिए स्वतंत्र रूप से अधिकांश ऑपरेशन कर रहे हैं। उन्होंने अप्रैल में एक बयान में कहा था, 'हमारी सेना मौजूदा खतरों के खिलाफ अफगानिस्तान की रक्षा करने में सक्षम है।'


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