कार्यकाल पूरा होने से पहले ही विश्व बैंक प्रेसिडेंट का पद छोड़ेंगे जिम योंग किम
विश्व बैंक के प्रेसिडेंट Jim Yong Kim ने एलान किया है कि वह संस्था के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे रहे हैं।
वाशिंगटन, रायटर। विश्व बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम ने एलान किया है कि वह संस्था के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने 2022 में कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही पद छोड़ने का फैसला किया है। किम के उत्तराधिकारी की नियुक्ति का अधिकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मिलेगा। लेकिन अमेरिका के इस एकाधिकार को चुनौतियां भी मिल सकती हैं।
किम ने सोमवार को अपने फैसले का एलान करते हुए ट्वीट कर कहा, 'इस बेहतरीन संस्थान के समर्पित स्टाफ का नेतृत्व करने का अवसर मिलना सौभाग्य की बात रही।' 59 वर्षीय किम एक फरवरी को यह पद छोड़ रहे हैं। वह निजी कंपनी से जुड़ेंगे और विकासशील देशों के बुनियादी ढांचागत निवेश पर ध्यान केंद्रित करेंगे। बैंक की सीईओ क्रिस्टालिना जॉर्जीवा तब तक इस पद पर अंतरिम प्रेसिडेंट के रूप में बनी रहेंगी, जब तक इस पद के लिए नई नियुक्ति नहीं हो जाती है।
बैंक के सबसे बड़े शेयरधारक होने की वजह से अमेरिका परंपरा के अनुरूप बैंक के प्रमुख की नियुक्ति करता है जबकि यूरोपीय देश अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के प्रमुख का चुनाव करते हैं। किम को 2012 में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस पद पर नामित किया था।
ट्रंप के चुनाव से पहले किम को दूसरे कार्यकाल के लिए सितंबर 2016 में नियुक्त किया गया, जो जुलाई 2017 को शुरू हुआ। उनका कार्यकाल 2022 तक का था। इस तरह उन्होंने अपने पद को कार्यकाल के बीच में ही छोड़ने का फैसला किया है।
अब ट्रंप को विश्व बैंक के प्रमुख पद के लिए उम्मीदवार को नामित करने का अवसर मिलेगा। ट्रंप की भूमिका से 189 सदस्यीय विश्व बैंक के नेतृत्व के द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के मॉडल की चुनौतियां और मजबूत होंगी, जिसका फैसला हमेशा अमेरिका लेता रहा है। अमेरिका द्वारा नामित दावेदार को 2012 में पहली बार दो अन्य दावेदारों से मुकाबला करना पड़ा था।
कोलंबिया के अर्थशास्त्री जोस एंटोनियो ओकाम्पो गाविरिया इस दौड़ से बाहर हो गए थे जबकि नाइजीरिया के तत्कालीन वित्त मंत्री नगोजी ओकोंजो इवेला किम से हार गए थे और किम को इस पद पर नियुक्त किया गया था। विश्व बैंक के लिए अमेरिका के नेतृत्व पर दोबारा विचार करने और इसके लिए गैर अमेरिकी दावेदारों पर विचार करने की मांगें उठेंगी।