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चीन की चालबाजी, इटली ने दान में दिए जीवनरक्षक PPE, अब ड्रैगन इसे इटली को बेचना चाह रहा

चीन ने दुनिया के सामने अपनी मानवीय छवि पेश करने के लिए दर्शाया की वह इटली को पीपीई दान कर रहा है लेकिन खबरों के मुताबिक ऐसा नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 04:55 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 05:02 PM (IST)
चीन की चालबाजी, इटली ने दान में दिए जीवनरक्षक PPE, अब ड्रैगन इसे इटली को बेचना चाह रहा
चीन की चालबाजी, इटली ने दान में दिए जीवनरक्षक PPE, अब ड्रैगन इसे इटली को बेचना चाह रहा

वाशिंगटन, एएनआइ। दुनियाभर में फैली महामारी कोरोना वायरस कोविड-19) के बीच कई खबरें सुनने को मिल रही है, जिससे चीन की चालबाजी झलक रही है। कोरोना वायरस की सबसे ज्‍यादा मार झेल रहे इटली को समय जीवनरक्षक पीपीई की बेहद जरूरत है। इस दौरान चीन ने दुनिया के सामने अपनी मानवीय छवि पेश करने के लिए दर्शाया की वह इटली को पीपीई दान कर रहा है, लेकिन बाद में मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि चीन ने इसे इटली को बेचा है।

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दरअसल, चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस की शुरुआत पिछले साल के अंत हो गई थी। जनवरी और फरवरी में वहां यह महामारी अपनी पीक पर थी, ऐसे में इटली ने बड़ी मात्रा में चीन को पर्सनल प्रोटेक्‍शन किट दान में दी थी। चीन में अब कोरोना वायरस का कहर थम गया है। वहां, अब प्रतिदिन 10-20 मरीज ही सामने आ रहे हैं। वहीं, इटली में कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। यहां मरीजों की संख्‍या 1 लाख के पार पहुंच गई है। हर रोज 500 के करीब लोगों की मौत हो रही है। ऐसे में इटली को पीपीई की बेहद जरूरत है, लेकिन चीन अब चालबाजी दिखा रहा है। खबरों के मुताबिक, चीन चाह रहा है कि इटली अब उससे पीपीई खरीदे।

ट्रंप प्रशासन के वरिष्‍ठ अधिकारी के हवाले स्‍पेकटेटर मैगजीन ने खबर छापी है कि चीन ने इटली को उन पीपीई को खरीदने के लिए मजबूर कर दिया, जो उसने चीन को कोरोना वायरस फैलने के दौरान दान में दिए थे। खबर के मुताबिक, चीन में जब महामारी फैली तक इटली ने कई टल पीपीई वहां भेजे थे। इससे ही चीन ने अपने डॉक्‍टर्स और नर्सों को सुरक्षित किया।

दुर्भाग्य से महामारी के प्रकोप के मद्देनजर चीन की कूटनीति फिसलन भरी रही है। चीन द्वारा अन्य देशों को बेची जाने वाली अधिकांश आपूर्ति और परीक्षण किटों में खराबी की बात भी सामने आ रही है। स्पेन को चीन से खरीदी गई 50,000 त्वरित-परीक्षण किट वापस करने पड़े, क्‍योंकि वे खराब थीं। यही नहीं, कुछ मामलों में चीन ने माफी मांगने या समस्या को ठीक करने के बजाय अपने दोषपूर्ण उपकरणों को लेकन उल्‍टा दूसरों पर ही दोष मढ़ दिया है। वहीं, मीडिया ने रिपोर्ट्स के मुताबिक, नीदरलैंड ने चीन से जो मास्‍क खरीदे, उनमें से ज्‍यादातर सुरक्षा मापदंडों पर खरे नहीं उतरे, इसलिए उन्‍हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि अब चीनी अधिकारियों का यह कहना कि हम अन्‍य देशों की मदद कर रहे हैं, बेहद बनावटी लगता है। दरअसल, वास्तव में वे ही हैं, जिन्होंने हम सभी को संक्रमित किया है। ऐसे में निश्चित रूप से उन्हें मदद करनी चाहिए। उनके पास मदद करने की एक विशेष जिम्मेदारी है, क्योंकि वे ही हैं जिनके यहां से कोरोनो वायरस पूरे विश्‍व में फैला और समय रहते उन्‍होंने शेष दुनिया को जानलेवा खतरे से अवगत नहीं कराया।

गौरतलब है कि दुनियाभर में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। स्‍पेन संक्रमित मरीजों की कुल संख्‍या 126,168 पहुंच गई है। इस तरह स्‍पेन में कोविड-19 संक्रमितों की संख्‍या इटली से ज्‍यादा हो गई है, जहां अब तक 124,632 केस सामने आ चुके हैं। स्‍पेन अब संक्रमण के मामले में सबसे बुरी तरह से प्रभावित यूरोपीय राष्ट्र बन गया है। इस सूची में स्पेन को यूरोप में पहला और दुनिया में केवल अमेरिका के बाद दूसरा स्थान प्राप्त किया। अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 3 लाख के पार चली गई है। वहीं, पूरी दुनिया की बात करें, तो कोविड-19 के 12 लाख से ज्यादा पीडि़त हैं और अब तक 64 हजार से ज्यादा लोगों की इस महामारी की चपेट में आकर मौत हो चुकी है।


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