मात्र 1.4 किमी के फासले से निकला मलबा, समय रहते दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया गया था ISS
मलबे से टकराव को देखते हुए पहले ही सतर्क हो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को दूसरी जगह शिफ्ट कर लिया गया था। यह जानकारी नासा ने दी। यह मलबा स्टेशन से मात्र 1.4 किलोमीटर के फासले से निकला। शिफ्टिंग में ढ़ाई मिनट का समय लगा।
वाशिंगटन, एएफपी। अंतरिक्ष में मलबे के टकराव से बचाव के लिए अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station) की कक्षा को रूसी और अमेरिकी उड़ान नियंत्रकों ने मंगलवार को दूसरी जगह शिफ्ट किया। इसमें ढाई मिनट का समय लगा। अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने बताया कि मलबे से संभावित टकराव को देखते हुए समय रहते अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। यह मलबा (debris) ISS से मात्र 1.4 किमी के फासले पर था। उल्लेखनीय है कि इस घटना को देखते हुए नासा ने दुनिया के तमाम देशों से पृथ्वी की कक्षा में अंतरिक्ष मलबे के बेहतर प्रबंधन का आग्रह किया है।
खतरे से बचाव के लिए तीनों क्रू सदस्यों को सोयूज स्पेसक्राफ्ट ( Soyuz spacecraft) में भेज दिया गया और खतरा टलने के बाद इन्हें सुरक्षित निकाला गया। नासा के चीफ जिम ब्राइडेनस्टीन ने ट्विटर पर कहा, 'मलबा पूरी तरह जल गया, अंतरिक्षयात्री सुरक्षित हैं।' यह डरावना मलबा वास्तव में 2018 के एक जापानी रॉकेट का था। अंतरिक्षयात्री जोनाथन मैकडॉवल ने ट्विटर पर यह जानकारी दी। पिछले साल रॉकेट 77 अलग-अलग टुकड़ों में टूट गया। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन धरती से 260 मील (420 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी की कक्षा में करीब 17,000 मील प्रतिघंटे की रफ्तार से घूमती है। इस गति में अगर कोई छोटा सा तिनका भी उससे टकराएगा तो वहां भारी नुकसान होने की आशंका है। ऐसी स्थिति में युद्धाभ्यास जरूरी हो जाता है।
साल 1999 से 2018 तक नासा ने ऐसे करीब 25 अभ्यास किए हैं। नासा ने जानकारी दी कि कि जैसे ही युद्धाभ्यास शुरू हुआ, दो रूसी और एक अमेरिकी- कुल तीन चालक दल के सदस्यों को निकट के अंतरिक्ष यान सोयुज में स्थानांतरित कर दिया गया। नासा ने कहा है कि ऐसा करना किसी भी अनहोनी से बचने के लिए ऐहतियातन आवश्यक था।