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Salman Rushdie Attack: सलमान रुश्दी पर हमले के बाद ईरानी समर्थक खुश, सरकार नहीं दे रही प्रतिक्रिया

भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को न्यूयार्क में चाकू से जानलेवा हमले के बाद ईरान के लोग हमले की प्रशंसा कर रहे हैं। इससे पहले ईरानी नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी ने रुश्दी की मौत को लेकर दशको पहले फतवा जारी किया था

By Sonu GuptaEdited By: Published: Sat, 13 Aug 2022 03:19 PM (IST)Updated: Sat, 13 Aug 2022 03:19 PM (IST)
Salman Rushdie Attack: सलमान रुश्दी पर हमले के बाद ईरानी समर्थक खुश, सरकार नहीं दे रही प्रतिक्रिया
सलमान रुश्दी पर हमले की ईरान के लोग कर रहे हैं प्रशंसा। ( फाइल फोटो)

तेहरान, एजेंसी। भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी पर शुक्रवार को न्यूयार्क में चाकू से जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद ईरानियों ने शनिवार को उनपर हुए हमले की प्रशंसा की। इससे पहले ईरानी नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी ने रुश्दी की मौत को लेकर दशको पहले फतवा जारी किया था तब से लेकर उनकी जान पर खतरा बना हुआ था। रुश्दी शुक्रवार को पश्चिमी न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम में बोलने के लिए तैयार थे। इसी दौरान हमलावर ने उनपर चाकू से हमला कर दिया। पुलिस ने हमलावर की पहचान न्यू जर्सी में फेयरव्यू के हादी मटर के रूप में की है। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमलावर ने रुश्दी पर हमला क्यों किया।

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ईरान ने दी प्रतिक्रिया

ईरानी सरकार और वहां की सरकारी मीडिया ने इस हमले का कोई कारण नहीं बताया है हालांकि तेहरान में कुछ लोगों ने एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए इस हमले की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि रुश्दी ने 1998 में 'द सैटेनिक वर्सेज' नाम की एक पुस्तक लिखी थी, जिसमें उन्होंने इस्लाम का अपमान किया था। मालूम हो कि रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी करने वाले ईरानी नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी की तस्वीर सड़कों पर बहुत पहले से लगाई गई है।

एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए 27 साले के डिलीवरीमैन रेजा अमीरी ने कहा, 'मैं सलमा रुश्दी को नहीं जानता हूं, लेकिन मुझे यह जानकर खुशी हुई कि उनपर हमला हुआ है। उन्होंने इस्लाम का अपमान किया था। धर्म का अपमान करने वालों के साथ इसी प्रकार का व्यवहार किया जाना चाहिए।'

खौमैनी ने जारी किया था फतवा

तेहरान रेडियो के अनुसार, ईरानी नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खोमैनी ने रुश्दी के खिलाफ 1989 में फतवा जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं पूरी दुनिया के मुसलमानों को सूचित करना चाहता हूं कि सैटेनिक वर्सेज पुस्तक के लेखक और उसके प्रकाशक को मौत की सजा दी जाती है। हालांकि उस समय के विदेश मंत्री ने इस फतवे से सरकार को अलग कर लिया था और कहा था कि सरकार इस संबंध में जारी किए गए किसी भी पुरस्कार से खुद को अलग करती है और इसका समर्थन नहीं करती है।


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