Omicron Infection: कमजोर इम्यूनिटी के लिए प्रेरित करता है ओमिक्रोन, वैज्ञानिकों ने दी चौंकाने वाली जानकारी
वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया है कि गैर-टीकाकरण वाले लोगों में ओमिक्रोन वैरिएंट का संक्रमण कोरोना के अन्य वेरिएंट के खिलाफ बहुत कम दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रदान करता है। वैज्ञानिकों ने और भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं। जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
लास एंजिल्स, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर एक अध्ययन किया है। नेचर जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार गैर-टीकाकरण वाले लोगों में SARS-CoV-2 के ओमिक्रोन वैरिएंट का संक्रमण कोरोना के अन्य वेरिएंट के खिलाफ बहुत कम दीर्घकालिक इम्यूनिटी यानी प्रतिरक्षा प्रदान करता है। ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट और यूनिवर्सिटी आफ कैलिफोर्निया सैन फ्रांसिस्को के शोधकर्ताओं ने चूहों और संक्रमितों के खून के नमूनों के अध्ययन में पाया कि ओमिक्रोन केवल एक कमजोर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए प्रेरित करता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि टीका लगवा चुके लोगों में ओमिक्रोन का संक्रमण कमजोर पड़ चुकी प्रतिक्रिया को वायरस के विभिन्न स्ट्रेन के खिलाफ मजबूत करने में मददगार होता है। हालांकि बिना टीका लगवाने वाले लोगों में यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया अन्य उपभेदों के खिलाफ व्यापक और मजबूत सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही।
ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (Gladstone Institute of Virology) के निदेशक और अध्ययन के सह वरिष्ठ लेखक मेलानी ओट (Melanie Ott) ने कहा कि बिना टीकाकरण वाली आबादी में ओमिक्रोन का संक्रमण टीके की एक खुराक के बराबर हो सकता है। यह कोविड-19 के खिलाफ हल्की सुरक्षा प्रदान करता है।
एक अन्य शोधकर्ता इरेन चेन ने कहा कि जब ओमिक्रोन वैरिएंट पहली बार उभरा तो लोगों को यह उत्सुकता हुई कि क्या ओमिक्रोन का संक्रमण उन लोगों के लिए एक वैक्सीन के रूप में काम कर सकता है, जो टीकाकरण नहीं कराना चाहते हैं। यही वजह रही कि शोधकर्ताओं की टीम ने सबसे पहले चूहों पर ओमिक्रोन के प्रभाव की जांच की।
ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (Gladstone Institute of Virology) की वरिष्ठ अन्वेषक और यूसी बर्कले में प्रोफेसर जेनिफर डौडना (Jennifer Doudna) ने कहा कि भले ही आप ओमिक्रोन से संक्रमित हो चुके हों, लेकिन दोबारा संक्रमित हो सकते हैं। ऐसे में यह अध्ययन टीकाकरण के महत्व को रेखांकित करता है। शोधकर्ताओं की टीम ने सबसे पहले चूहों पर ओमिक्रोन के प्रभाव की पड़ताल की। SARS-CoV-2 और डेल्टा वैरिएंट की तुलना में Omicron ने चूहों में बहुत कम लक्षण पैदा किए।