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भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद ने कश्मीर पर संसद में प्रस्ताव पेश किया, भारतीय समुदाय ने किया विरोध

अमेरिकी संसद में जम्मू-कश्मीर पर एक प्रस्ताव पेश किया है। जयपाल के इस कदम का अमेरिकी में रहने वाले भारतीय समुदाय ने कड़ा विरोध किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:57 AM (IST)
भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद ने कश्मीर पर संसद में प्रस्ताव पेश किया, भारतीय समुदाय ने किया विरोध
भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद ने कश्मीर पर संसद में प्रस्ताव पेश किया, भारतीय समुदाय ने किया विरोध

वाशिंगटन, एजेंसी। भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने अमेरिकी संसद में जम्मू-कश्मीर पर एक प्रस्ताव पेश किया है। इसमें भारत से वहां लगाए गए संचार माध्यमों पर लगाए प्रतिबंधों को जल्द से जल्द हटाने और सभी निवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता संरक्षित रखे जाने की अपील की गई है। जयपाल के इस कदम का अमेरिकी में रहने वाले भारतीय समुदाय ने कड़ा विरोध किया है। जबकि, भारत भी बार-बार यह स्पष्ट कर चुका है कि कश्मीर मसला उसका आंतरिक मामला है और किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप वह बर्दाश्त नहीं करेगा।चेन्नई में पैदा हुई प्रमिला जयपाल पिछले कई सप्ताह से संसद में यह प्रस्ताव पेश करने के प्रयास में थीं, लेकिन उन्हें कोई सहयोगी प्रस्तावक नहीं मिल रहा था। बड़ी मुश्किल से वह रिपब्लिकन पार्टी के स्टीव वाटकिंस का समर्थन पाने में सफल रहीं। यह एक सामान्य प्रस्ताव है, जिस पर संसद के उच्च सदन सीनेट में वोट नहीं किया जा सकता है और यह कानून नहीं बनेगा। 

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प्रस्ताव में भारत से पूरे जम्मू-कश्मीर में संचार सेवाओं पर लगे प्रतिबंधों को हटाने, इंटरनेट सेवाओं को बहाल करने और हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने की अपील की गई है। भारत सरकार के पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने और उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के बाद से ही वहां कई प्रतिबंध लगे हुए हैं। 

इस प्रस्ताव को पेश किए जाने से पूर्व अमेरिका भर से भारतीय मूल के लोगों ने विभिन्न मंचों से इसका विरोध किया था। समझा जाता है कि जयपाल के कार्यालय को इस प्रस्ताव को पेश नहीं करने के लिए भारतीय अमेरिकियों के 25 हजार से अधिक ईमेल प्राप्त हुए। भारतीय अमेरिकियों ने कश्मीर पर प्रस्ताव पेश करने के उनके कदम के खिलाफ उनके कार्यालय के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी किया। 

अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला और अन्य अधिकारियों ने भी जयपाल से मिलकर कश्मीर के हालात और भारत के पक्ष को समझाया था, लेकिन उन पर कोई असर नहीं पड़ा। भारत का कहना है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने का निर्णय संप्रभु है और वह अपने आंतरिक मामले में किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करेगा।

भारतीय मूल के अमेरिकी अटॉर्नी रवि बत्रा ने जयपाल पर पक्षपाती, सिद्धांतहीन, हिंदू विरोधी, आतंक समर्थक और निर्लज तरीके से निजी राजनीतिक फायदे के लिए इस मुद्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।जयपाल का समर्थन करने पर थरूर की आलोचना

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रमिला जयपाल के कदम की सराहना की है। थरूर ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर पर अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पेश कर अमेरिकी सांसद ने सराहनीय काम किया है। लेकिन हम अपने यहां पूरे शीतकालीन सत्र में कश्मीर पर चर्चा कराने में भी सफल नहीं हो पाए। हमें शर्म आनी चाहिए। 

भारत विरोधी प्रस्ताव की सराहना करने पर भाजपा ने थरूर की जमकर आलोचना की। खासकर थरूर द्वारा भारतीय मूल की अमेरिकी सांसद के कदम को सराहनीय बताने पर भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे और तेजस्वी सूर्या ने कड़ी आपत्ति जताई है और इसे शर्मनाक बताया है।


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