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अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेड वार का लाभ भारत को मिलने की उम्मीद

क्रेडिट सुइश का सर्वे ऐसे मौके पर सामने आया है जब अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस भारत दौरे पर आए हुए हैं। इससे पहले रॉस दिल्ली में इसी तरह का बयान दे चुके हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 10:45 PM (IST)
अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेड वार का लाभ भारत को मिलने की उम्मीद
अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेड वार का लाभ भारत को मिलने की उम्मीद

न्यूयॉर्क, आइएएनएस। क्रेडिट सुइश ने अमेरिका-चीन में चल रहे ट्रेड वार का लाभ भारत को मिलने की उम्मीद जताई है। कंपनी ने यह बात एक सर्वे के आधार पर कही है। यह सर्वे एक लाख करोड़ डॉलर से अधिक की ग्लोबल सेल करने वाली 100 कंपनियों पर किया गया है। क्रेडिट सुइश ने कहा है कि धीरे-धीरे ही सही, लेकिन ये कंपनियां चीन से बाहर का रुख करेंगी और भारत इनके लिए सबसे मुफीद बाजार साबित हो सकता है। फलस्वरूप कुछ बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर सकती हैं।

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अमेरिका के वाणिज्य मंत्री भारत दौरे पर

यह सर्वे ऐसे मौके पर सामने आया है जब अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस भारत दौरे पर आए हुए हैं। इससे पहले रॉस दिल्ली में इसी तरह का बयान दे चुके हैं। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा था कि भारत के पास व्यापार तनाव का फायदा उठाने का अच्छा मौका है।

कंपनियां चीन छोड़ना चाहती हैं

सुइश के सर्वे में कहा गया है कि चीन में उत्पादन कर रही कंपनियां देश छोड़ने की योजना बना रही हैं। ये अपनी प्रोडक्शन यूनिट वियतनाम, भारत या फिर ताइवान में लगाने की इच्छुक हैं। हालांकि ट्रेड वार खत्म करने के लिए अमेरिका-चीन के बीच वार्ता चल रही है। अभी तक दोनों देशों के बीच 12 दौर की वार्ता हो चुकी है।

कंपनियों पर कई तरह का दबाव

क्रेडिट सुइश के मुताबिक चीन से बाहर निकलने के लिए कंपनियों पर कई तरह का दबाव है। इनके 80 फीसद उत्पाद बढ़े हुए शुल्क के दायरे में आ गए हैं, जबकि बढ़ी हुई कीमत और मांग में कमी का दबाव इनके मुनाफे में सेंध लगा रहा है।

फेसबुक की लिब्रा योजना में दरार पड़ने शुरू

लिब्रा नाम से डिजिटल करेंसी लांच करने की फेसबुक की महत्वाकांक्षी योजना में दरार पड़ने शुरू हो गए हैं। अमेरिका की दिग्गज पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी पेपाल ने लिब्रा एसोसिएशन से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है। अधिसंख्य दिग्गज अमेरिकी कंपनियों की भागीदारी वाले 29-सदस्यीय लिब्रा एसोसिएशन पर ही फेसबुक की इस डिजिटल करेंसी लांच करने का दारोमदार है। पेपाल इससे बाहर निकलने वाली पहली कंपनी बन गई है और उसके निकलने के बाद एसोसिएशन में अब 28 सदस्य रह गए हैं।


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