'पीओके में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद कर दो', UN में भारत ने पाकिस्तान को फिर लगाई लताड़
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए पीओके में मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकने की मांग की। भारत ने कहा कि पाकिस्तानी सेना कश्मीरी नागरिकों के विद्रोह को दबा रही है। भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बार-बार झूठ बोलने से सच्चाई नहीं बदलती। कश्मीर के लोगों की चुनावी भागीदारी भारत के लोकतंत्र का प्रमाण है।

यूएन में भाविका मंगलनंदन।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के दोगलेपन को उजागर करते हुए भारत ने कड़ा संदेश दिया है। भारत ने मांग की है कि वह गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद कर दे। पाकिस्तानी सेना कश्मीर के उन इलाकों में लोगों के विद्रोह को दबा रही है जिन पर उसने गैर-कानूनी तरीके से कब्जा कर रखा है।
भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलनंदन ने शुक्रवार को कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में ही, कब्जा करने वाली पाकिस्तानी सेना और उनके साथियों ने कई बेगुनाह आम लोगों को मार डाला है जो कश्मीर के उन हिस्सों में अपने बुनियादी हक और आजादी के लिए आंदोलन कर रहे हैं जिन पर उनका कब्जा है।"
'मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोके पाकिस्तान'
उन्होंने जनरल असेंबली में इस्लामाबाद की बुराई को खारिज करते हुए कहा, "हम पाकिस्तान से अपील करते हैं कि वह उन इलाकों में गंभीर और लगातार हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोके, जिन पर उसने गैर-कानूनी तरीके से कब्जा किया है, जहां लोग पाकिस्तान के मिलिट्री कब्जे, दमन, क्रूरता और संसाधनों के गैर-कानूनी इस्तेमाल के खिलाफ खुली बगावत कर रहे हैं।"
'झूठ बोलने से असलियत नहीं बदलती'
मंगलनंदन ने कहा, "बार-बार आरोप लगाने और झूठ बोलने से न तो असलियत बदलती है और न ही सच।" दरअसल यूएन में हर मौके पर पाकिस्तान के राजनयिक भारत पर आरोप लगाते रहते हैं, चाहे बातचीत का प्रसंग कुछ भी हो। उन्होंने कहा, "पाकिस्तान की दोहरी बातें और दोगलापन इस बड़े फोरम के समय और ध्यान के लायक नहीं है।"
मंगलनंदन ने कहा कि कश्मीर के लोगों का चुनाव में हिस्सा लेना भारत के लोकतंत्र की पुष्टि है। उन्होंने "हम पाकिस्तान की भारत के लोगों और जम्मू-कश्मीर के लोगों समेत लोकतंत्र को बदनाम करने की कोशिशों को खारिज करते हैं और उनकी सामाजिक और आर्थिक तरक्की सबके सामने है।"
'मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत प्रतिबद्ध'
उन्होंने आगे कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने झूठी तुलना करके आत्मनिर्णय के सिद्धांत को खत्म करने का सहारा लिया है।" मंगलनंदन ने कहा, "मैं फिर से कहना चाहती हूं कि जम्मू कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं।"
मानवाधिकारों के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि यह महात्मा गांधी के नेतृत्व में हमारे स्वतंत्रता संग्राम से उपजा है, जिसमें अहिंसा और समानता पर जोर दिया गया था। उन्होंने कहा कि गांधीवादी विरासत संविधान में शामिल है और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए भारत का घरेलू ढांचा लगातार विकसित और मजबूत हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने बुनियादी अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रगतिशील कानून और कार्यक्रम अपनाए हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।