यूएन में हमास के खिलाफ मतदान से भारत रहा अनुपस्थित
फलस्तीन के चरमपंथी और विद्रोही संगठन हमास के विरोध में लाए गए प्रस्ताव का 87 देशों ने समर्थन किया। जबकि 58 देश इस बिल के विरोध में थे और 32 देशों ने मतदान नहीं किया।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की महासभा में 'हमास' के खिलाफ लाए गए प्रस्ताव पर हुए मतदान में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। गुरुवार को अमेरिका ने गाजा में हमास और अन्य विद्रोहियों की गतिविधियों की निंदा करने वाला यह प्रस्ताव पेश किया था। इस प्रस्ताव में हमास को इजरायल में गोले दागने, हिंसा फैलाने और उसमें घुसपैठ करने के लिए गाजा में बंकर आदि बनाने का दोषी ठहराया गया था। बता दें कि गाजा पट्टी इजरायल और फलस्तीन के बीच विवादित क्षेत्र है।
फलस्तीन के चरमपंथी और विद्रोही संगठन 'हमास' के विरोध में लाए गए प्रस्ताव का 87 देशों ने समर्थन किया। जबकि 58 देश इस बिल के विरोध में थे और 32 देशों ने मतदान नहीं किया। भारत भी इन 32 देशों में शामिल था। उल्लेखनीय है कि भारत, फलस्तीन की संप्रभुता को स्वीकार करता है। 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को नई दिशा देने के लिए फलस्तीन की यात्रा भी की थी।
दो-तिहाई बहुमत हासिल ना कर पाने के चलते 'एक्टिविटीज ऑफ हमास एंड अदर मिलिटेंट ग्रुप्स इन गाजा' नामक प्रस्ताव को लागू नहीं किया गया। प्रस्ताव पारित ना होने पर नाराजगी जताते हुए यूएन में अमेरिका की स्थायी प्रतिनिधि निक्की हेली ने कहा, 'इजरायल के खिलाफ 500 से अधिक प्रस्ताव पारित किए जा चुके हैं। लेकिन आज तक हमास के खिलाफ कोई प्रस्ताव नहीं लागू हुआ, जो कि अनुचित है। दुनियाभर के देशों के पास इस बार कुछ सही करने का मौका था, लेकिन वह नाकाम रहे।' वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने प्रस्ताव का समर्थन करने वाले सभी 87 देशों की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया है।