खुशहाली के मामले में पड़ोसी मुल्कों से पीछे भारत, नॉर्डिक राष्ट्रों का बजा डंका
अगर बात भारत की जाए तो रिपोर्ट में भारत का स्थान 133वां है, जबकि खुश रहने के मामले में वह पाकिस्तान और गरीब देश नेपाल से भी पीछे है।
वॉशिंग्टन [ जागरण स्पेशल ]। ठंडे मौसम और लंबी सर्दियों वाला देश फिनलैंड दुनिया का सबसे खुशहाल देश है। वहीं इस मामले में भारत अपने पड़ोसी मुल्कों से भी पीछे है। संयुक्त राष्ट्र की सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क की प्रकाशित वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट-2018 में भारत 133वें पायदान पर है। 156 देशों की इस सूची में शीर्ष 10 खुशहाल देशों में से आठ देश यूरोप के हैं, जबकि शीर्ष 20 में भी एशिया का एक भी देश नहीं है।
रिपोर्ट में अमेरिका को 18वें पायदान पर रखा गया है। 2017 में भारत 122वें स्थान पर था, लेकिन वह इस बार उसकी रैंकिंग 11 स्थान खिसक गई। इसका मतलब है कि देश में खुशहाली कम हुई है। वहीं सबसे कम खुशहाल देश बुरुंडी है। उसे 156वां स्थान मिला है।
नॉर्डिक राष्ट्रों का बजा डंका
156 देशों की लिस्ट में सबसे ऊंचे पायदान पर नॉर्डिक राष्ट्र हैं। इस रिपोर्ट में जीवन प्रत्याशा, सामाजिक समर्थन, सामाजिक स्वतंत्रता जैसे मुद्दों से देश की प्रसन्नता का आंकलन किया गया है। इस रिपोर्ट में फिनलैंड सबसे सुखी देश के रूप में उभरा। बावजूद इसके कि यहां सूरज बहुत कम निकलता है और यहां का तापमान भी काफी कम रहता है, जो कि डिप्रेशन होने के उत्तरदायी कारणों में से एक हैं। बीते साल की रिपोर्ट के मुताबिक पहले फिनलैंड पांचवें स्थान पर था, लेकिन इस बार वह पहले पायदान पर आ गया है।
नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, श्रीलंका और पाकिस्तान से पीछे भारत
अगर बात भारत की जाए तो रिपोर्ट में भारत का स्थान 133वां है, जबकि खुश रहने के मामले में वह पाकिस्तान और गरीब देश नेपाल से भी पीछे है। दोनों मुल्क इस मामले में भारत से आगे निकल चुके हैं। रिपोर्ट में पाकिस्तान का स्थान 75वां स्थान है। पड़ोसी देशों में सबसे खुशहाल पाकिस्तान है। वहीं नेपाल 101वें पायदान पर है। यदि भारत के अन्य पड़ोसी मुल्कों से तुलना की जाए तो भूटान का स्थान 97वां, बांग्लादेश का 115वां, श्रीलंका का 116वां और चीन का स्थान 86वां रहा है। म्यांमार को इस सूची में 130वें स्थान पर रखा गया है।
दुनिया का कोतवाल अमेरिका, लेकिन खुशहाली हुई कम
अमेरिका पिछले वर्षों में एक संपन्न राष्ट्र तो बना है, लेकिन वहां खुशहाली में भी भारी गिरावट आई है। खास बात यह है कि अमेरिका लगातार सूची में नीचे खिसक रहा है। 2017 में जारी रिपोर्ट में अमेरिका 14वें स्थान पर था। गौरतलब है कि 2012 से जारी इस रिपोर्ट में अमेरिका आज तक एक भी बार शीर्ष 10 खुशहाल देशों की सूची में भी नहीं पहुंच सका है।
ये हैं दुनिया के शीर्ष 10 खुशहाल देश
पहले स्थान पर फिनलैंड है। 2017 में पहले स्थान पर रहा नॉर्वे इस बार दूसरे स्थान पर है। तीसरे स्थान पर डेनमार्क है। आइसलैंड और स्विट्जरलैंड क्रमश: 4वें और 5वें स्थान पर हैं। नीदरलैंड 6वें और कनाडा 7वें स्थान पर है। सूची में न्यूजीलैंड को 8वां स्थान दिया गया है, जबकि स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया को क्रमश: 9वां और 10वां स्थान मिला है।
आखिर क्या खास है फिनलैंड में
फिनलैंड के लोगों का प्रकृति से जुड़ाव इसका प्रमुख कारण बताया जाता है। इससे वह काफी सकारात्मक सोच रखते हैं। साथ ही यहां सुरक्षा, चाइल्डकेयर, अच्छे स्कूल और नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवा का स्तर भी बेहतर है, जिस कारण यहां के लोग खुश रहते हैं। आपको बता दें कि पिछले साल की रिपोर्ट में फिनलैंड 5वें नंबर पर था लेकिन उसने इस बार नार्वे को भी पीछे छोड़ दिया है। फिनलैंड एक समजातीय देश है। यहां करीब तीन लाख विदेशी रहते हैं। इनमें ऐसे निवासी भी शामिल हैं, जिनकी जड़ें विदेशों से जुड़ी हैं। फिनलैंड की कुल आबादी 55 लाख के करीब है। साथ ही यहां ऐसे समुदाय भी रहते हैं जो अफगानिस्तान, चीन, इराक और सोमालिया से ताल्लुक रखते हैं।
खुशहाल देशों की सूची के क्या हैं मानक
संयुक्त राष्ट्र की संस्था सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशंस नेटवर्क ने यह सूची तैयार करने के लिए कई मानक अपनाए हैं। संस्था ने 2015 से 2017 के बीच 6 अलग-अलग मानकों के आधार पर तैयार सवालों के जवाब के तहत सूची को तैयार किया है। इन 6 मानकों में प्रति व्यक्ति जीडीपी, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन की संभावना समेत अन्य प्वाइंट्स के आधार पर जीवनशैली संबंधित प्रश्नावली के जवाब के जरिये यह सूची तैयार की गई है।