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अमेरिका में तापमान में गिरावट से थमा जनजीवन, नियाग्रा जलप्रपात का पानी तक जम गया

अमेरिकी में तापमान में जबरदस्‍त गिरावट के कारण पूरे जन-जीवन को चपेट में ले लिया है। हालत यह है कि हिमपात के कारण रेलगाड़ियों पर गर्म पानी डालकर चलाया जा रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 11:13 PM (IST)
अमेरिका में तापमान में गिरावट से थमा जनजीवन, नियाग्रा जलप्रपात का पानी तक जम गया
अमेरिका में तापमान में गिरावट से थमा जनजीवन, नियाग्रा जलप्रपात का पानी तक जम गया

वाशिंगटन, जेएनएन। अमेरिकी में तापमान में जबरदस्‍त गिरावट के कारण पूरे जन-जीवन को अपने चपेट में ले लिया है। हालत यह है कि हिमपात के कारण रेलगाड़ियों पर गर्म पानी डालकर चलाया जा रहा है। कपड़े के रूप में पहने जाने वाले जींस को बिना किसी सहारे के खड़ा किया जा सकता है। यहां तब कि अमेरिका का चर्चित नियाग्रा जलप्रपात भी जम गया। ध्रुवीय भंवर ने नियाग्रा जल प्रपात को को एक शानदार शीतकालीन आश्‍चर्यजनक जगह में में बदल दिया है क्योंकि यह पूर्वोत्तर क्षेत्र में पड़ता है।

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कनाडा के ओंटारियो में गुरुवार को तापमान-4 फारेनहाइट तक गिर गया है। यहां पर्यटकों ने पानी की जबरदस्त मात्रा में बर्फ के बड़े हिस्से के रूप में देखा है। अमेरिकी अस्‍तबलों और शादी के परदों के आसपास के पौधों पर भी बर्फ और हिमपात देखी जा सकती है।

यहां लुभावनी छवियां गिरती हुई नदी और नदी के किनारे गिरने वाले पानी और धुंध द्वारा बनाई गई बर्फ संरचनाओं के रूप में देखी जा सकती है। भाप को को जलप्रपात से ऊपर उठते हुए देखा गया क्योंकि पानी का तापमान ठंडी हवा की तुलना में गर्म होता है। हालांकि कुछ तस्वीरें दिखाती हैं कि जमे हुए ठोस जलप्रपात किस तरह क्या दिखता है। पानी वास्तव में कभी नहीं बहता है।

अमेरिका के नियाग्रा जल प्रपात के अनुसार, प्रत्येक सर्दियों में नदियां बर्फ का रूप ले लेती हैं। लेकिन वास्तव में इस बार ठंड का प्रकोप काफी हद तक 2014 और 2015 के ध्रुवीय भंवर की घटनाओं की तरह लंबे समय तक रहने वाले अत्यधिक ठंड पर निर्भर करता है, जिसके परिणामस्वरूप 'जमे हुए जलप्रपात' की तस्वीरें देखीं सकती हैं। इस महीने की शुरुआत में फोटोग्राफरों ने जलप्रपात के चारों ओर जमे हुए भागों के भूतिया दृश्यों को कैमरे में कैद किया।

ठंड से अब तक यूनिवर्सिटी ऑफ आयोवा के 18 वर्षीय छात्र समेत 21 लोगों की मौत हो गई है। कई जगहों पर तापमान अब भी शून्य से 30-40 डिग्री नीचे है। गुरुवार सुबह पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए इलिनॉयस राज्य में तापमान शून्य से 38 डिग्री नीचे पहुंच गया था। शिकागो और आसपास के इलाकों में भी कमोबेश यही स्थिति बनी हुई है। इस कारण दूसरे दिन करोड़ों लोग कंपकंपी में बिताए। इस कारण 2300 उड़ान को रद्द कर दिया गया और गुरुवार को 1500 उड़ान देरी से चल रही हैं।

जानकारों का कहना है कि तापमान इतना नीचे है कि अगर कोई व्यक्ति पांच मिनट भी बाहर रहे तो ठंड के संपर्क में आने वाला अंग हिमदाह का शिकार हो जाएगा। इसका अर्थ है कि उस हिस्से के ऊतक क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। वहां नासूर भी बन सकता है। मिनेसोटा के इंटरनेशनल हिल्स पर शून्य से 48 डिग्री कम की शीतलहर दर्ज की गई है। यह दक्षिणी ध्रुव पर स्थित अंटार्कटिका से भी ज्यादा सर्द है। वहां न्यूनतम शून्य से करीब 31 डिग्री सेल्सियस नीचे तक के तापमान की हवाएं चलती हैं।  


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