डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच में आज से खुली सुनवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच अब अगले चरण में पहुंच गई है।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग जांच अब अगले चरण में पहुंच गई है। अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा (हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स) में बुधवार और शुक्रवार को महाभियोग की जांच में खुले में सुनवाई होगी, जिसे टेलीविजन पर पूरा देश देखेगा।
संसद के निचले सदन में 24 सितंबर से ट्रंप के खिलाफ बंद कमरे में सुनवाई हो रही थी। डेमोक्रेटिक पार्टी के सदस्यों का कहना था कि ट्रंप के खिलाफ घातक सुबूत मिले हैं। वहीं रिपब्लिकन पार्टी पक्षपात का आरोप लगा रही थी। अब बंद कमरे से निकलकर सुनवाई सार्वजनिक मंच पर पहुंच गई है।
जांच में शामिल हाउस ऑफ इंटेलिजेंस कमेटी के चेयरमैन एडम शिफ ने कहा है कि खुले में सुनवाई से अमेरिका के लोगों को गवाहों और उनके बयानों का मूल्यांकन करने का मौका मिलेगा। इस कमेटी के दूसरे वरिष्ठ सदस्य रिपब्लिकन डेविन नंस भी पूछताछ करने वालों में है।
90 मिनट तक होगी सुनवाई
यह सुनवाई डेढ़ घंटे तक चलेगी। इसमें शिप और नंस दोनों को गवाहों से 45-45 मिनट तक बारी-बारी से पूछताछ करने का मौका मिलेगा। दोनों अपने समय में से कुछ वक्त अपने वकीलों को भी दे सकते हैं।
पहले दिन दो लोगों की गवाही
पहले दिन यानी बुधवार को यूक्रेन में अमेरिका के वरिष्ठ राजनयिक रहे विलियम ट्रंप और दूसरे वरिष्ठ राजनयिक जॉर्ज केंट से पूछताछ होगी। जबकि, यूक्रेन में अमेरिका की पूर्व राजदूत मैरी योवानोविच की गवाही होगी। टेलर और मैरी ने ट्रंप के खिलाफ सनसनीखेज आरोप लगाए थे।
जूडिशियरी कमेटी करेगी सुनवाई
खुली सुनवाई खत्म होने के बाद हाउस इंटेलीजेंस कमेटी अपनी रिपोर्ट जूडिशियरी कमेटी को सौंपेगी। जूडिशियरी कमेटी यह तय करेगी कि संसद राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाए या नहीं। अगर महाभियोग चलाने का फैसला होता है तो उसका मसौदा कमेटी पूर्ण सदन को भेजेगी।
फिर आगे क्या होगा?
जूडिशियरी कमेटी की रिपोर्ट पर संसद में मतदान होगा। संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को महाभियोग की जांच करने और उसके लिए नियम बनाने का अधिकार है जबकि महाभियोग पर मुकदमा चलाने और उसे पास करने का अधिकार संसद के उच्च सदन सीनेट के पास है। प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी बहुमत में हैं जबकि सीनेट में बहुमत का आंकड़ा रिपब्लिकन पार्टी के पास है।
ट्रंप पर क्या है आरोप?
ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपने निजी राजनीतिक लाभ के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि अगर वे पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बिडेन और उनके बेटे हंटर बिडेन के खिलाफ भ्रष्टाचार मामले की जांच करेंगे, तभी उन्हें अमेरिकी सैन्य सहायता मिलेगी। बिडेन अगले साल राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से ट्रंप को चुनौती देने वालों में सबसे आगे चल रहे हैं।
महाभियोग का यह चौथा मौका
अमेरिकी संसद के इतिहास में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच चलाने का यह चौथा मौका है। इससे पहले सिर्फ तीन बार राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच हुई है। 1968 में एंड्रयू जॉनसन और 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग अंतिम चरणों तक गया लेकिन पास नहीं हो सका। जबकि, 1974 में वाटरगेट स्कैंडल के चलते रिचर्ड निक्सन ने महाभियोग की आशंका को देखते हुए कार्यवाही पूरी होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया।