अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों का उत्पीड़न, सिखों से छीन ली गई पगड़ी
ट्रंप की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के चंगुल में फंसे भारतीय प्रवासियों के साथ जेल में अपराधियों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।
एस्टोरिया (प्रेट्र)। अमेरिका में 50 से अधिक अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है। इनके साथ अपराधियों की तरह का सलूक किया जा रहा है। इन भारतीय प्रवासियों में अधिकतर सिख हैं जिनसे आर्गन जेल में पगड़ी उतरवा लिया जाता है। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के तहत ये सब हो रहा है।
अमेरिका में 52 भारतीयों के एक समूह को हिरासत में ले लिया गया है। उन्हें आश्रय की मांग करने वाले अवैध प्रवासियों के एक बड़े दल का हिस्सा बनने के मामले में हिरासत में रखा गया है। अमेरिकी सांसद ने बताया कि शेरिडन के हिरासत केंद्र में रखे 123 अवैध प्रवासियों में सबसे ज्यादा भारतीय हैं।
ट्रंप की विवादित पॉलिसी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्त इमिग्रेशन पॉलिसी के कारण करीब 2,000 बच्चे अपने माता-पिता से अलग हो गए। इन बच्चों को इनके प्रवासी माता-पिता से अलग रखा गया। इस विवादित पॉलिसी का व्यापक विरोध होने के बाद ट्रंप ने स्वयं इसे खत्म करने का आदेश दिया। कम्युनिटी कॉलेज की प्रोफेसर, नवनीत कौर ने कहा,’वहां 18 साल से 24 साल की उम्र वाले किशोरों के साथ दुर्व्यवहार जैसे हृदय विदारक दृश्य को देखकर आपका हृदय कांप जाएगा। उन्होंने अपराध नहीं किया, उन्होंने सीमा लांघी है।‘
पंजाबी ट्रांसलेटर नवनीत ने बताया ‘अमानवीय’
पिछले कुछ सप्ताह के दौरान नवनीत ने 52 भारतीय कैदियों से बात की। जेल में अवैध शरणार्थियों को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने वाले कानूनी फर्म इनोवेशन लॉ लैब के लिए नवनीत पंजाबी अनुवादक का काम करती हैं। नवनीत ने बताया कि गिरफ्तार किए गए 123 अवैध प्रवासियों में सर्वाधिक भारतीय हैं। फिलहाल उनकी स्थिति ठीक नहीं है। 52 भारतीय प्रवासियों में पंजाबी बोलने वाले और सिखों की संख्या अधिक है। जब वे गिरफ्तार किए गए थे तब इन्हें 24 घंटे के लिए हथकड़ियों से बांध दिया गया था और ऐसे ही उन्हें खाना पड़ा था। यहां तक कि अपराधियों के साथ भी ऐसा नहीं किया जाता। इसके बाद इन्हें जेल की एक कोठरी में 22 घंटों के लिए डाला गया जहां ऐसे लोग थे जो बोलते नहीं थे। नवनीत ने इसे अमानवीय बताया।
बदतर है सिख प्रवासियों की स्थिति
सिखों के लिए स्थिति और भी बदतर है क्योंकि जेल में उनकी पगड़ी छीन ली गई। नवनीत ने बताया कि ये भारतीय सदमे में हैं लेकिन ये सब वापस अपने घर नहीं जाना चाहते। ये सब अमेरिका में ही शरण चाहते हैं क्योंकि भारत में राजनीतिक व धार्मिक कारणों से इन्हें अपनी जान का खतरा है। इनोवेशन लॉ लैब की डेवलपमेंट डायरेक्टर विक्टोरिया, बेजारानो ने बताया कि ये सभी सदमे में हैं। लैब की ओर से इन भारतीय कैदियों से मिलने की मांग को लेकर मुकदमा दायर किया गया है और जो भी भारतीय प्रवासी मदद चाहते हैं उन्हें कानूनी सहायता भी उपलब्ध करा रहा है।
इनोवेशन लॉ लैब की कोशिशों से हो रहा सुधार
कुछ भारतीय प्रवासियों ने अपना अटॉर्नी नियुक्त कर लिया है। इनोवेशन लॉ लैब के हस्तक्षेप के बाद इन कैदियों की स्थिति में सुधर हुआ है और इन्हें अंतरराष्ट्रीय व देश में फोन करने की सुविधा दी गई है। इनोवेशन लॉ लैब हर दिन जेल में अपने नवनीत के साथ वॉलंटियर्स भेज रही है।
सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कंसुलेट ने हाल में ही इन कैदियों से मिलने के लिए अपने अधिकारियों को भेजा था। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इन भारतीय नागरिकों ने स्वदेश वापसी के लिए सरकार की पेशकश को स्वीकार किया या नहीं। इनोवेशन लैब लॉ ने एक नोटिस सरकार को दिया है कि यह कुछ लोगों को कानूनी सलाह दे रहा है। इसके बाद सरकार को इस इंटरव्यू के लिएा निश्चित समय बताना होगा।