अमेरिका में दो करोड़ लोग हो चुके हैं बेरोजगार, पेट भरने के लिए फूड बैंक के सहारे
कोरोना का दंश झेल रहे अमेरिका में दो करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो गए हैं। ये पेट भरने के लिए फूड बैंक पर निर्भर हैं।
वाशिंगटन (एएफपी)। कोरोना वायरस की चपेट में आकर अमेरिका की आर्थिकतौर पर कमर टूट चुकी है। इसकी वजह से यहां के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन है, जिसके चलते कई कारोबार बंद हो गए हैं और 2.2 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए हैं। कोरोना वायरस की चपेट में अमेरिका अब तक 792759 मामले सामने आ चुके हैं और 42514 मरीज अपनी जान गंवा चुके हैं। इस महामारी का सबसे ज्यादा दंश झेल रहे अमेरिका में बेरोजगार हुए लोग झेल रहे हैं। इन्हें और इनके परिवारों को अपना पेट भरने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
खाने के लिए लोग घंटो फूड बैंक के बाहर लाइनों में अपना नंबर आने का इंतजार करते रहते हैं। लॉकडाउन के दौरान हुई सख्त पाबंदियों के चलते ये लोग खाने-पीने के लिए दान दाताओं पर निर्भर हैं, लेकिन यहां पर इस बात का भी डर है कि वो दिन दूर नहीं जब ऐसे लोगों की सुनामी अमेरिका को बर्बाद कर सकती है।
पेन्सिलवेनिया के ग्रेटर पिट्सबर्ग कम्युनिटी फूड बैंक में लॉकडाउन के बाद से ही खाने के पैकेट की मांग मार्च महीने में 40 फीसदी तक बढ़ गई। इस केंद्र के बाहर करीब एक हजार कारें इस बात की गवाही दे रही थीं कि यहां पर बेरोजगारी का क्या हाल है। इसी तरह से अलग-अलग 8 वितरण केंद्रों में करीब 227 टन भोजन पैकेट बांटे जा रहे हैं। इस संगठन के उपाध्यक्ष ब्रायन गुलिश की मानें तो बहुत से लोग ये सेवा ले रहे हैं। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिनका ये पहला अनुभव है। उन्होंने इतने बुरे हालात पहले कभी नहीं देखे।
उन्होंने बताया कि दक्षिण पश्चिम पेन्सिलवेनिया में 350 फूड बैंक हैं और इनके बारे में लोगों को पता नहीं है इसलिए लोग एक ही केंद्र पर आकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं। यही वजह है कि कुछ सेंटर पर लोगों की लाइनें बेतहाशा लंबी होती हैं। आपको बता दें कि न्यू ऑरलीन्स से लेकर डेट्रॉयट तक पूरे अमेरिका में लोग बेरोजगार होने के बाद वे फूड बैंकों का रुख कर रहे हैं।
टेक्सास और एंटोनियों के फूड बैंक की तस्वीरें वायरल होने के बाद यहां के हालात समझने में काफी मदद मिली। ये तस्वीर 9 अप्रैल को सामने आई थी। यहां के एक फूड बैंक के बाहर 10,000 कारें खड़ी थीं। इनमें बैठे लोग रात में भी यहीं रुककर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए थे। समाचार एजेंसी के मुताबिक बॉस्टन के चेल्सी में खाद्य वितरण केंद्र के बाहर खड़ी एक महिला एलाना ने कहा कि हमारे पास महीनों से काम नहीं है।
एलाना के मुताबिक, उसकी तरह कई और भी हैं जो अपना पेट भरने के लिए इस तरह के फूड बैंक पर निर्भर हैं।
देश में मौजूद फूड बैंकों की मदद के लिए कुछ बड़े कारोबारी भी आगे आए हैं। इसमें कारोबारी जेफ बेजो का नाम भी शामिल है। गुलिश की मानें तो फिलहाल इन लोगों को खाने की सप्लाई बिना रोकटोक जारी है, लेकिन ये कब तक बिना रोकटोक रह पाएगी इसका पता नहीं है। इसकी वजह है कि बेरोजगारों की ये फौज लगातार बढ़ रही है।
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