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सुपरनोवा के साथी तारे का पहला चित्र खींचने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को मिली सफलता

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हबल टेलीस्कोप ने इस बार सुपरनोवा के साथी तारे का पहला चित्र खींचने में सफलता हासिल की है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 28 Apr 2018 11:38 AM (IST)Updated: Sat, 28 Apr 2018 01:48 PM (IST)
सुपरनोवा के साथी तारे का पहला चित्र खींचने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को मिली सफलता
सुपरनोवा के साथी तारे का पहला चित्र खींचने में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को मिली सफलता

वाशिंगटन [प्रेट्र]। ब्रह्मांड के अनंत रहस्यों पर से पर्दा उठाने के लिए अंतरिक्ष वैज्ञानिक निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए वे अत्याधुनिक दूरबीनों व अन्य तकनीकी यंत्रों के जरिये अंतरिक्ष पर नजर बनाए रहते हैं। इस क्रम में उन्हें कई बार अहम सफलता हाथ लग जाती है। इसी कड़ी में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के हबल टेलीस्कोप ने इस बार सुपरनोवा के साथी तारे का पहला चित्र खींचने में सफलता हासिल की है। वैज्ञानिक इसे बड़ी कामयाबी मान रहे हैं क्योंकि इसके जरिये तारों की उत्पत्ति और उनके विस्फोट के बारे में कई अहम जानकारियों का पता चल सकता है।

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क्या है सुपरनोवा

तारे के विस्फोट होने से पहले आखिरी चरण को सुपरनोवा कहते हैं। हबल से ली गई तस्वीर से स्पष्ट हुआ है कि कुछ सुपरनोवा डबल-स्टार सिस्टम में भी उत्पन्न होते हैं।

दूसरी आकाशगंगा में जाते देखा सुपरनोवा

नासा के मुताबिक, 17 साल पहले खगोलविदों ने एसएन 2001 आइजी सुपरनोवा को चार करोड़ प्रकाश वर्ष दूर स्थित आकाशगंगा एनजीसी 7424 में जाते हुए देखा था। इस सुपरनोवा के विस्फोट के समय ही साथी तारे की तस्वीर उतारी गई।

पहली बार 1987 में हुई थी विस्फोट की पहचान

पहली बार इस तरह के विस्फोट की पहचान 1987 में कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी के एलेक्स फिलिपेनको ने की थी। शोधकर्ताओं का कहना है कि सुपरनोवा के विस्फोट के बाद उसके सहचर की पहचान करने के लिए उसका पृथ्वी से पास होना जरूरी होता है। एसएन 2001आइजी उस सीमा में मौजूद था इसलिए हबल टेलीस्कोप उसके सहचर तारे की तस्वीर उतार पाया।

जोड़े में होते हैं विशाल तारे

ऑस्ट्रेलिया की खगोलीय वेधशाला के स्टुअर्ट राइडर के मुताबिक, हम जानते हैं कि ज्यादातर विशाल तारे जोड़े में होते हैं। एस्ट्रोफिजिकल नामक जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक स्टुअर्ट कहते हैं, हमने देखा कि सुपरनोवा के विस्फोट में सहचर तारे की भी मुख्य भूमिका थी। सहचर तारे ने सुपरनोवा के स्टेलर इनवेलप से सारा हाइड्रोजन निकाल दिया था।

स्टेलर इनवेलप से ही तारे के भीतरी भाग में स्थित ऊर्जा उसके वायुमंडल में फैलती है। चूंकि, विस्फोट से पहले लगभग सारा हाइड्रोजन सुपरनोवा से निकल गया था इसलिए एसएन 2001 आइजी को टाइप 2बी सुपरनोवा में वर्गीकृत किया गया। 


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