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Monkeypox: चार हफ्ते तक संक्रमण फैला सकते हैं मंकी पाक्स के रोगी, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया सचेत

स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने मंकीपाक्‍स को लेकर सचेत करते हुए कहा है कि इस बीमारी के रोगी चार हफ्ते तक संक्रमण को फैला सकते हैं। वैज्ञानिकों के इस सुझाव पर दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 10:42 PM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 11:12 PM (IST)
Monkeypox: चार हफ्ते तक संक्रमण फैला सकते हैं मंकी पाक्स के रोगी, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया सचेत
स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों ने मंकीपाक्स के संक्रमण को लेकर सचेत किया है। (REUTERS)

न्यूयार्क, आइएएनएस। कोरोना महामारी के बाद अब मंकी पाक्स को लेकर चिंता बढ़ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इस वायरल बीमारी पर चर्चा के लिए विशेषज्ञों की बैठक बुलाई है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मंकी पाक्स के रोगी चार सप्ताह तक संक्रमण फैला सकते हैं। डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, जान हापकिंस यूनिवर्सिटी में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ अमेश अदल्जा ने एक साक्षात्कार में इस मामले में सचेत करते हुए यह जानकारी दी है।

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उन्होंने बताया कि जो लोग इस वायरस की चपेट में आते हैं, उन्हें पहले बुखार आता है और फिर चेहरे और शरीर पर चकत्ते और त्वचा पर घाव होते हैं। इसके बाद यह प्रभावित अंग को छूने और कफ तथा छींक के जरिये फैलता है। त्वचा पर घाव खत्म होने में कुछ सप्ताह का समय लगता है। इससे पीडि़त लोग तब तक संक्रामक होते हैं, जब तक कि उनके त्वचा के घाव सूखते नहीं हैं।

ब्रिटेन में साउथम्पटन यूनिवर्सिटी के स्वास्थ्य विशेषज्ञ माइकल हेड भी अदल्जा की बातों से सहमत हैं। हेड का कहना है कि पूर्व में फैले मंकी पाक्स के बारे में यूके हेल्थ अथारिटीज तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कह चुका है कि एक व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण का खतरा तब तक बना रहता है, जब तक पीडि़त व्यक्तियों को चकत्ते तथा घाव रहते हैं। यह एक महीने तक का समय हो सकता है।

संक्रामक रोग विशेषज्ञ डा. ईश्वर गिलाडा का कहना है कि इस बीमारी को गंभीरता से लेने की जरूरत है लेकिन घबराना नहीं चाहिए। चूंकि हम इसका उपचार नहीं जानते हैं इसलिए देखने की जरूरत है कि यह कैसे विकसित हो रहा है और इससे कितने लोग प्रभावित हो रहे हैं। गौरतलब है कि अभी तक 12 देशों में मंकी पाक्स के 100 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है। यूरोप में पहले मामले की पुष्टि सात मई को हुई थी। संक्रमित व्यक्ति नाइजीरिया से ब्रिटेन लौटा था। 


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