अमेरिका में H1B वीजा मिलने वालों में भारतीय सबसे आगे, चीन दूसरे नंबर पर
भारतीयों को पहली बार काम के लिए शुरुआती वीजा दिए जाने का ट्रेंड अमेरिका में घटा है, जबकि पहले से काम कर रहे भारतीयों को काम जारी रखने के लिए कहीं अधिक वीजा दिया गया।
[जागरण स्पेशल]। अमेरिका की यूएस सिटिजन एंड इमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआइएस) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2016 और 2017 में अमेरिका द्वारा जारी किए गए कुल एच-1बी वीजा में से तकरीबन तीन चौथाई वीजा भारतीय तकनीकी विशेषज्ञों को मिले। दूसरे स्थान पर चीन रहा जिसकी दोनों वर्ष जारी हुए वीजा में तकरीबन 10 फीसद हिस्सेदारी रही।
भारतीयों को पहली बार काम के लिए शुरुआती वीजा दिए जाने का ट्रेंड अमेरिका में घटा है, जबकि पहले से काम कर रहे भारतीयों को काम जारी रखने के लिए कहीं अधिक वीजा दिया गया। 2017 में कुल जारी किए गए एच-1बी वीजा में कंप्यूटर संबंधी रोजगारों में कार्यरत लोगों को 69.8 फीसद वीजा दिया गया।
आय में भी वृद्धि
एच-1बी वीजा से जुड़ी कई भ्रांतियों को दूर करने वाली इस रिपोर्ट में विभाग ने बताया कि वीजा पाने वाले लोगों की औसत आय 2016 में 82 हजार डॉलर (55 लाख रुपये) से बढ़ाकर 2017 में 85 हजार डॉलर (57 लाख रुपये) कर दी गई है।
एच-1बी वीजा
इसके जरिए अमेरिकी कंपनियां विदेशी कर्मियों को ऐसी नौकरियों पर रख पाती हैं जहां तकनीकी या व्यावहारिक विशेषज्ञता की दरकार होती है। तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां हर साल हजारों की संख्या में कर्मियों को नौकरी पर रखने के लिए इस वीजा पर निर्भर करती हैं।
शुरुआती एच-1बी वीजा
जब कोई व्यक्ति पहली बार अमेरिका में नौकरी के लिए वीजा का आवेदन देता है, उसे शुरुआती वीजा कहते हैं। जो भारतीय पहले से अमेरिका में काम कर रहे हैं, वे अपने शुरुआती वीजा की अवधि खत्म होने पर अपनी नौकरी के हिसाब से काम जारी रखने के वीजा का आवेदन दे सकते हैं।