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ग्वाटेमाला : ज्वालामुखी विस्फोट में 65 लोगों की मौत, नदी की तरह बहा लावा; कई जिंदा जले

मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला के फ्यूगो ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से अबतक 65 लोगों की जान जा चुकी है। देशभर में ऑरेंज अलर्ट जारी।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:58 PM (IST)
ग्वाटेमाला : ज्वालामुखी विस्फोट में 65 लोगों की मौत, नदी की तरह बहा लावा; कई जिंदा जले

ग्वाटेमाला सिटी (एजेंसी)। मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला के फ्यूगो ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से अबतक 65 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 300 से अधिक जख्मी बताए जा रहे हैं। ज्वालामुखी की चपेट में आने से दर्जनों लोग अब भी लापता हैं, जिनका कुछ भी पता नहीं चल सका है।

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 सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इससे करीब 17 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इस भयावह घटना के बाद ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

8 किमी. के क्षेत्र में फैला लावा और राख

रविवार को हुए विस्फोट के बाद ज्वालामुखी से निकल रहा लावा और राख करीब आठ किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गया। बताया जा रहा है कि चार दशकों के बाद 3,763 मीटर ऊंचे फ्यूगो में इतना भीषण विस्फोट हुआ। इसके फटने से करीब 17 लाख लोग प्रभावित हुए। राजधानी ग्वाटेमाला सिटी स्थित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को बंद कर दिया गया। बता दें कि राजधानी ग्वाटेमाला सिटी इस ज्वालामुखी से केवल 40 किलोमीटर दूर है।

राष्ट्रपति ने देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया

अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं। राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने तीनों शहरों में रेड अलर्ट और पूरे देश में ऑरेंज अलर्ट जारी किया। स्थिति गंभीर होने पर आपातकाल की भी घोषणा की जा सकती है। कोनराड नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के महासचिव सर्गियो कबानास ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद लावा की नदी बह रही है। कई लोग लावा में ही दब गए हैं। ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है।

भूकंप और ज्वालामुखी विशेषज्ञ एडी सैनचेज ने कहा, 'ज्वालामुखी से निकल रही गैसों का तापमान 700 डिग्री तक बढ़ सकता है और राख 15 किमी के क्षेत्र में फैल सकती है। इस कारण नदियों के किनारे कीचड़ जमा हो सकता है।'

मास्क पहनने की सलाह

ग्वाटेमाला क्षेत्र में राखों के बचने के लिए अधिकारियों ने लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी और सभी जरूरी सुरक्षा अपनाने को कहा है। सेना आपदा कार्यों में जुटी है और लोगों के लिए अस्थायी कैंपों का निर्माण किया जा रहा है। 

हर साल करीब 60 ऐसी घटनाएं होती हैं

हर साल ज्वालामुखी फटने की ऐसी करीब 60 घटनाएं होती हैं। कई ज्वालामुखी अचानक फट जाते हैं तो कई लंबे समय से सुलग रहे होते हैं। बता दें कि फ्यूगो के अतिरिक्त देश में सेंटियागुइटो और पकाया नामक दो अन्य सक्रिय ज्वालामुखी भी मौजूद हैं।


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