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जलवायु परिवर्तन पर ग्रेटा और ट्रंप फिर आमने-सामने, क्‍लाइमेट चेंज पर ग्रेटा और ट्रंप फिर आमने-सामने

स्विट्जरलैंड में व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum WEF) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग फिर आमने-सामने आ गए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 22 Jan 2020 03:37 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 03:51 PM (IST)
जलवायु परिवर्तन पर ग्रेटा और ट्रंप फिर आमने-सामने, क्‍लाइमेट चेंज पर ग्रेटा और ट्रंप फिर आमने-सामने

दावोस, रायटर। स्विट्जरलैंड में मंगलवार से शुरू हुए व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग फिर आमने-सामने आ गए। दावोस में आयोजित इस सम्मेलन में 17 साल की ग्रेटा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए सिर्फ पेड़ लगाना पर्याप्त नहीं है। उनके निशाने पर सीधे तौर पर ट्रंप का भाषण था, जिसमें उन्होंने एक लाख करोड़ पेड़ लगाने की बात कही थी। साथ ही जलवायु परिवर्तन पर की जा रही भविष्यवाणियों को खारिज किया था।

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ट्रंप ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन उस दौरान दर्शक दीर्घा में ग्रेटा भी मौजूद थीं। डब्ल्यूईएफ में अपने मुख्य भाषण में ट्रंप ने जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ताओं को मूर्ख ज्योतिषियों का उत्तराधिकारी भी करार दिया। जबकि थनबर्ग ने अपने भाषण में एक साल पहले डब्ल्यूईएफ में दिए गए भाषण की टिप्पणियों को दोहराया। उन्होंने कहा, हमारे घरों में आग लगी हुई है और आपकी निष्कि्रयता आग की लपटों को हवा दे रही है।

उन्होंने जीवाश्म ईधन के निवेश पर तत्काल रोक लगाने की भी मांग की। विश्व के नेताओं द्वारा जलवायु परिवर्तन के हित में काम करने के वादों पर सवाल उठाते हुए ग्रेटा ने कहा, आप कहते हैं कि बच्चों को चिंता नहीं करनी चाहिए। इतना निराशावादी मत बनिए। इससे पहले पिछले साल भी व‌र्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मंच पर ही दोनों आमने-सामने आ गए थे। तब ग्रेटा थनबर्ग की डोनाल्ड ट्रंप को घूरते हुए तस्वीर सामने आई थी।

विज्ञान होना चाहिए वार्ता का केंद्र बिंदु

ग्रेटा ने कहा, पेड़ लगाना निश्चित रूप से अच्छा कदम है, लेकिन जलवायु परिवर्तन के लिए जो काम किए जाने चाहिए थे, उसके मुकाबले यह प्रयास पर्याप्त नहीं है। कम से कम यह वास्तविक प्रकृति की तो जगह नहीं ले सकते। इससे पहले ग्रेटा ने वैश्विक नेताओं से युवा कार्यकर्ताओं को सुनने का आह्वान किया। हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कम से कम वह तो अपनी बात नहीं सुने जाने की शिकायत नहीं कर सकतीं। ग्रेटा इस सम्मेलन में उस पैनल का हिस्सा बनकर पहुंची हैं, जिसमें युवा कार्यकर्ता दुनिया को बेहतर बनाने के अपने प्रयासों के परिणाम और योजनाओं का जिक्र कर रहे हैं। 


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