अपना Gmail पासवर्ड किसी को नहीं बताते, लेकिन कोई चुपके से आपके ईमेल पढ़ रहा है
गूगल ने आपके निजी अकाउंट डाटा का एक्सेस थर्ड पार्टी डेवलपर को दे दिया है।
वाशिंगटन(आइएएनएस)। अपने जीमेल अकाउंट को सीक्रेट पासवर्ड के साथ लॉक कर आप निश्चिंत हो सो जाते हैं। लेकिन यह खबर आपकी नींद में खलल डालने के लिए काफी है कि गूगल ने आपके अकाउंट के डाटा का एक्सेस किसी और को भी सौंप दिया है। अब गूगल के इस कदम से कहीं इसका भी फेसबुक कैंब्रिज अनालिटिका स्कैंडल जैसा हाल न हो जाए।
क्या कुछ नहीं करते आप अपने जीमेल से... ऑफिस से जुड़ा कोई काम हो या सोशल मीडिया और बैंक से जुड़े पासवर्ड और ओटीपी तक आपके जीमेल पर आते होंगे। यही नहीं कई ऐसे मेल भी कुछ लोगों के जीमेल पर आते होंगे, जो उनके लिए बेहद निजी होंगे और उसके बारे में उनके घर के लोगों या पति और पत्नी तक को पता नहीं होगा। ऐसे में यदि गूगल आपके जीमेल को किसी अन्य को भी पढ़ने की इजाजत दे देता है तो इससे डाटा चोरी का खतरा तो दिखता ही है। यह खतरा इसलिए भी ज्यादा दिख रहा है, क्योंकि हाल ही में सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक का डाटा चोरी हो चुका है।
गूगल का पक्ष...
हालांकि गूगल का कहना है कि वह केवल अनुभवी थर्ड पार्टी डेवलपर्स को यह अधिकार देता है और इसके लिए यूजर्स की सहमति मांगी जाती है। लेकिन कई कंज्यूमर्स को इस बात का पता भी नहीं होगा कि उन्होंने अपने अकाउंट का एक्सेस इन एप्स को दे दिया है। बता दें कि गूगल ने तो स्वयं जीमेल यूजर्स के इमेल को स्कैन करना बंद कर दिया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, कुछ थर्ड पार्टी डेवलपर ने एप्स बनाएं हैं जो कंज्यूमर के अकाउंट को एक्सेस कर सकते हैं और मार्केटिंग के उद्देश्य से उनके मैसेज स्कैन करेंगे।
यूजर्स की सहमति होगी आवश्यक
जीमेल की एक्सेस सेटिंग्स डाटा कंपनियों और एप डेवलपर्स को लोगों के ई-मेल और प्राइवेट डिटेल्स (निजी जानकारियां) देखने की इजाजत देती है। इसके अलावा, ये लोग ई-मेल एड्रेस, टाइम स्टांप और पूरे मेसेज भी देख सकते हैं। इन एप डेवलपर्स को यूजर की सहमति की जरूरत होती है, लेकिन कंसेंट फॉर्म (सहमति पत्र) में यह बात स्पष्ट नहीं है कि वह थर्ड पार्टी को लोगों के व्यक्तिगत जीमेल पढ़ने की अनुमति देगा।
कई कंपनियों ने किया था आवेदन
गूगल ने बताया कि कुछ डेवलपर्स ने जीमेल एक्सेस के लिए आवेदन किया था, लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी गई है। हालांकि, कंपनी ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि कितनी कंपनियों ने इसके लिए आवेदन किया था। गूगल के अनुसार, वह केवल अनुभवी थर्ड पार्टी डेवलपर्स को डाटा देता है और इसमें यूजर की स्पष्ट सहमति होती है। डाटा देने से पहले जांच प्रक्रिया पूरी की जाती है, जिसमें इस बात का पता लगाया जाता है कि एप के द्वारा कंपनी की पहचान सही रूप में प्रस्तुत की गई है या नहीं। इसके अलावा, एप की प्राइवेसी पॉलिसी में इस बात का उल्लेख होता है कि कंपनी जिन ई-मेल, डाटा को मॉनिटर करेगी और वह जो डाटा चाहती है, उसका उसके काम से सीधा संबंध है।
सुरक्षा कारणों से भी पढ़े जाते हैं ई-मेल्स
गूगल ने बताया है कि कंपनी के कर्मचारी भी ई-मेल्स को पढ़ सकते हैं, लेकिन यह कुछ खास मामलों में होता है, जहां यूजर ऐसा करने के लिए कहता है और इसके लिए स्पष्ट सहमति भी देता है। इसके अलावा, सुरक्षा कारणों से भी ई-मेल्स को पढ़ा जाता है, जैसे कि किसी बग या किसी मामले की जांच के लिए। इससे पहले ई-मेल मैनेजिंग कंपनी रिटर्न पाथ और एडिसन सॉफ्टवेयर के पास हजारों जीमेल का एक्सेस था जो मशीन एल्गोरिदम को डाटा हैंडल करने के लिए तैयार कर रहे थे।
पूरी दुनिया में जीमेल के करीब 1.4 बिलियन यूजर हैं। नए अपडेट्स के तौर पर गूगल ने नया सर्च फंक्शन शुरू किया है जो यूजर्स को सेटिंग्स व अन्य जानकारियां उपलब्ध कराने की सुविधा देता है।