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भारतवंशी गीतांजल‍ि पर भारत को नाज, TIME अवॉर्ड 'किड ऑफ द ईयर' जीता, भारतीय बच्‍चों की बनीं प्रेरणा स्रोत

टाइम मैगजीन ने पहली बार गीतांजलि राव को किड ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा है। एक उभरती वैज्ञानिक और खोजकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली 15 वर्षीय गीतांजलि ने करीब पांच हजार बच्‍चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 04 Dec 2020 07:51 AM (IST)Updated: Sat, 05 Dec 2020 12:22 AM (IST)
गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन ने 'किड ऑफ द ईयर' के खिताब से नवाजा। फाइल फोटो।

वाशिंगटन, ऑनलाइन डेस्‍क। भारतीय मूल की 15 साल की अमेरिकी किशोरी गीतांजलि राव Gitanjali Rao ने एक बार फ‍िर दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। गीतांजलि राव को उनके शानदार काम के लिए टाइम मैगजीन ने पहली बार किसी बच्‍चे को 'किड ऑफ द ईयर' (First Ever TIME Kid Of The Year) के खिताब से नवाजा है। एक उभरती वैज्ञानिक और खोजकर्ता के तौर पर पहचान बनाने वाली 15 वर्षीय गीतांजलि ने करीब पांच हजार बच्‍चों को पछाड़ते हुए यह खिताब हासिल किया है। गीतांजलि ने टेक्‍नोलॉजी के प्रयोग से दूषित पेयजल से लेकर साइबर जैसे मुद्दों से निपटने के लिए शानदार काम किया है। गीतांज‍लि भारत समेत पूरी दुनिया के बच्‍चों की प्रेरणा स्रोत बन गईं हैं।

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साइबर बुलिंग से निपटने के लिए तैयार किया ऐप

साइबर बुलिंग से निपटने के लिए एक ऐप तैयार करने से लेकर गीतांजलि अब पानी की शुद्धता जांचने की दिशा में तकनीक के इस्‍तेमाल पर काम कर रही हैं। टाइम के लिए अकेडमी अवॉर्ड विजेता एंजेलिना जोली ने गीतांजलि का जूम पर इंटरव्‍यू लिया। हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जोली संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायोग की विशेष दूत भी है। साइबर बुलिंग रोकने के लिए की गई अपनी खोज के बारे में बताते हुए गीतांजलि ने कहा कि ये एक तरह की सर्विस है। इसका नाम Kindly है। उन्‍होंने कहा कि दरअसल, यह एक ऐप और क्रोम एक्‍सटेंसन है। यह शुरुआत में ही साइबर बुलिंग को पकड़ने में सक्षम होगा। उन्‍होंने कहा कि मेरा मकसद स‍िर्फ अपनी डिवाइस बनाकर दुनिया की समस्‍याएं सुलझाने तक सीमित नहीं है, बल्कि अब मैं दूसरों को भी ऐसा करने के प्रेरित करना चाहती हूं।

तकनीक के जरिए समस्‍याओं को हल करने पर जोर

गीतांजलि ने कहा कि हमारी पीढ़ी कई तरह की समस्‍याओं से जूझ रही है। इस तरह की समस्‍याएं पहले कभी नहीं थी। उन्‍होंने कहा कि हम कई पुरानी समस्‍याओं से अभी भी जूझ रहे हैं। गीतांजलि ने कहा कि दुनिया एक नई वैश्विक महामारी का सामना कर रही है। हम अब भी मानवाधिकार के मुद्दे का सामना कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और साइबर जैसे कई ऐसी समस्‍याएं हैं जो हमने पैदा नहीं की है, लेकिन अब हमें तकनीक के जरिए इसे हल करना है। उन्‍होंने कहा कि हम हर समस्‍या का हल करने की कोशिश नहीं करें, बल्कि उस एक पर ध्‍यान केंद्रित करें जो आपको उकसाता है। यदि मैं यह कर सकती हूं तो कोई भी कर सकता है। 

10 वर्ष की उम्र में आया ख्‍याल

गीतांजलि ने कहा सामाजिक बदलाव के लिए तकनीक को बेहतर इस्‍तेमाल किया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि जब वह दूसरी और तीसरी ग्रेड में थी तभी से उन्‍होंने इसके बारे में सोचना शुरू कर दिया था कि वह विज्ञान और तकनीक का इस्‍तेमाल किस तरह से सामाजिक बदलाव लाने में कर सकती हैं। गीतांजलि ने बताया कि जब वह महज 10 वर्ष की थीं तब उन्‍होंने अपने माता-पिता से कहा था कि वह कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर टेक्‍नोलॉजी पर वाटर क्वॉलिटी रिसर्च लैब में रिसर्च करना चाहती है। उन्‍होंने कहा कि यही बदलाव की शुरुआत थी, जब कोई इस दिशा में काम नहीं कर रहा है तो मैं इसे करना चाहती हूं। अपनी रिसर्च के बारे में बताते हुए उन्‍होंने कहा कि मैं एक प्रोसेस को अपनाती हूं। इसका पहला चरण ऑब्‍जर्व करना है। इसके बाद मैं इस पर मंथन और उस पर शोध करती हूं। इसके बाद निर्माण शुरू होता है।

क्‍या है साइबर बुलिंग

साइबर बुलिंग एक किस्‍म का साइबर अपराध है। साइबर बुलिंग तब होती है, जब कोई व्‍यक्ति इलेक्‍ट्रॉनिक साधनों का उपयोग करके दूसरों को धमकाता है। इसके दायरे में सोशल मीडिया और इंटरनेट पर दिए गए संदेश भी शामिल हैं। इसे मोबाइल फोन, टैबलेट या गेमिंग प्‍लेटफॉर्म पर एक्‍सेस की जा सकती है। साइबर बुलिंग टेक्‍स्‍ट, ईमेल और सोशल नेटवर्क और गेमिंग प्‍लेटफॉर्म के जरिए हो सकती है। इसमें निम्‍न चीजें शामिल हो सकती हैं। जैसे धमकी, उत्‍पीड़न और पीछा करना, मानहानि, बहिष्‍कार, सोशल मीड‍िया अकाउंट्स में हैकिंग और इंपर्सन को पहचानें, किसी अन्‍य व्‍यक्ति के बारे में व्‍यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक रूप से पोस्‍ट करना या भेजना, जोड़-तोड़ शामिल है।


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