आतंकी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के संबंधों से अमेरिकी एजेंसी CIA चिंतित
सीआइए आतंकी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच संभावित संबंधों को लेकर चिंतित है।
वॉशिंगटन (पीटीआइ)। अमेरिकी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी सीआइए आतंकी समूहों और पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच संभावित संबंधों को लेकर चिंतित है और इस पर बहुत बारीकी से नजर बनाए हुए है। इसकी जानकारी जासूसी एजेंसी के शीर्ष अधिकारी ने सांसदों को दी है। बुधवार को जीना हास्पेल ने सीनेट चयन खुफिया समिति के सदस्यों को बताया, 'संभावित संपर्कों को लेकर गहन चिंता है और हम चरमपंथियों व पाकिस्तानी परमाणु वैज्ञानिकों के बीच इस रिश्ते की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।' वह सीनेटर जॉन कॉर्निन से एक प्रश्न का जवाब दे रही थी। बता दें कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हास्पेल का नाम सीआइए निदेशक पद के लिए चुना है। अब अगर सीनेट द्वारा भी हास्पेल को चुना गया, तो वे केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआइए) की पहली महिला प्रमुख होंगी। वे माइक पॉम्पियो की जगह लेंगी।
जॉन कॉर्निन ने कहा, 'मुझे याद दिलाया गया था कि 9/11 के बाद राष्ट्रपति बुश उन रिपोर्टों को लेकर चिंतित थे, जिनमें ये कहा जा रहा था कि ओसामा बिन लादेन और अलकायदा परमाणु कार्यक्रम से जुड़े पाकिस्तानी अधिकारियों से मुलाकात कर रहे थे, ताकि परमाणु उपकरण तक पहुंच प्राप्त कर सके। जिसका वे वाशिंगटन डीसी जैसे शहरों के खिलाफ फॉलो-ऑन हमले के लिए उपयोग कर सकें।
कॉर्निन ने पूछा, 'गोपनीय जानकारी का खुलासा किए बिना, क्या आप पुष्टि कर सकते हैं कि परमाणु उपकरणों, जैविक हथियार, सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों का उपयोग करके फॉलो-ऑन हमलों को लेकर चिंताएं थीं और 9/11 में मारे गए निर्दोष अमेरिकियों की तहत और मासूमों को मारने का इरादा था?' जिसके जवाब में हिस्पेल ने कहा, उस मोर्चे पर बहुत गंभीर चिंताएं थीं। हस्पेल ने आगे कहा, 'वास्तव में अलकायदा के पास जैविक हथियार कार्यक्रम था। मुझे वो ऑपरेटर याद है जो उसका प्रभारी था।'