आप भी तले-भुने भोजन के शौकीन है तो हो जाइए सावधान, नहीं तो हो सकती है ये गंभीर बीमारी
हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने शरीर पर इसके पड़ने वाले प्रभावों को बताया है। शोध में कहा गया है कि इस तरह के भोजन से ना केवल दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा होता है बल्कि स्ट्रोक की आशंका भी पैदा हो जाती है।
वाशिंगटन, एएनआई। तले-भुने भोजन को सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है, लेकिन हाल ही में किए गए एक अध्ययन ने शरीर पर इसके पड़ने वाले प्रभावों को बताया है। शोध में कहा गया है कि इस तरह के भोजन से ना केवल दिल की गंभीर बीमारियों का खतरा होता है बल्कि स्ट्रोक की आशंका भी पैदा हो जाती है। यह अध्ययन ऑनलाइन जर्नल 'हार्ट' में प्रकाशित हुआ है।
शोध में कहा गया है कि साप्ताहिक तौर पर 114 ग्राम अतिरिक्त तला-भुना खाने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। शोधकर्ताओंके मुताबिक पश्चिमी आहार दिल की सेहत के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि तले-भुने भोजन का दिल की गंभीर बीमारी और स्ट्रोक आने में क्या योगदान होता है। शोधकर्ताओं ने इस संबंध में पता लगाने के लिए अप्रैल 2020 तक प्रकाशित प्रासंगिक अध्ययनों की तलाश की और उन्हें ऐसे 19 सर्वे मिले, जिनमें इसके बारे में बताया गया था।
शोधकर्ताओं ने दिल की बीमारी के खतरों का आकलन करने के लिए 17 सर्वे से डाटा एकत्र किए। इसमें कुल 5,62,445 लोग शामिल थे और 36,727 ऐसे लोग थे, जिन्हें दिल का दौरा या स्ट्रोक पड़ चुका था। इसके अलावा शोधकर्ताओं ने तले-भुने भोजन के सेवन और दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों में संबंधों को समझने के लिए छह सर्वे से डाटा एकत्र किए। दोनों का विश्लेषण करने से पता चला कि साप्ताहिक तौर पर बहुत कम तला-भुना खाने से भी दिल की बीमारी का खतरा जहां 28 फीसद बढ़ जाता है वहीं कोरोनरी हार्ट डिजीज का खतरा 22 फीसद बढ़ जाता है। हार्ट फेल होने का खतरा 37 फीसद बढ़ जाता है। विभिन्न अध्ययनों से यह बात सत्य सिद्ध हुई कि तला-भुना खाने और दिल की बीमारी का आपस में संबंध है।