Coronavirus Crisis : एच-1 बी सहित सभी अतिथि वीजा को निलंबित करने का ट्रंप से आग्रह
भारत से ज्यादातर आइटी कंपनी में काम करने वाले प्रोफेशनल एच-1बी वीजा पर ही अमेरिका जाते हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के बीच अमेरिका में बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में चार शीर्ष रिपब्लिकन सीनेटरों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से 60 दिनों के लिए सभी नए गेस्ट वर्कर वीजा और एच-1 बी सहित अतिथि वीजा की कुछ श्रेणियों को एक साल या जब तक रोजगार की स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक के लिए निलंबित करने का आग्रह किया है।
देर रात मिले समाचार के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी और स्टूडेंट वीजा पर अस्थायी तौर पर रोक लगाने की दिशा में काम करना भी शुरू कर दिया है। भारत से ज्यादातर आइटी कंपनी में काम करने वाले प्रोफेशनल एच-1बी वीजा पर ही अमेरिका जाते हैं। अगर ट्रंप ये आग्रह मान लेते है, तो भारत जैसे तमाम देशों के प्रोफेशनल को काफी पेरशनियों का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रंप को लिखे पत्र में सीनेटरों ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने श्रम बाजार को तबाह कर दिया है। पांच में से एक अमेरिकी श्रमिक ने मध्य-मार्च के बाद से, जब लॉकडाउन उपायों ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना शुरू किया, पहली बार बेरोजगारी लाभ के लिए आवेदन दिया है। श्रम विभाग ने गुरुवार को कहा कि 3.2 मिलियन (32 लाख) अमेरिकियों ने पिछले सप्ताह शुरुआती बेरोजगारी का दावा किया। सात मई को राष्ट्रपति ट्रंप को लिखे पत्र पर सीनेटर टेड क्रूज, टॉम कॉटन, चक ग्रासली और जोश हावले ने हस्ताक्षर किया है। पत्र में कहा गया है कि अमेरिकी कार्यबल का पांचवां हिस्सा वर्तमान में बेरोजगार है।
उल्लेखनीय है कि आंकड़े के मुताबिक, अमेरिका में फिलहाल बेरोजगारी की दर 14.7 फीसद है, जबकि इसी फरवरी में ये बेरोजगारी दर 3.5 फीसद थी। आलम यह है कि पिछले सप्ताह अमेरिकी कामगारों द्वारा बेरोजगारी भत्ते के नए दावों में कुछ कमी तो जरूरत देखी गई है, लेकिन इसके बावजूद बेरोजगारी भत्तों के दावों में 3.2 मिलियन की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ये आंकड़े ट्रंप सरकार को सोचने पर मजबूर कर रहे हैं।