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US Capitol Violence : अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपतियों ने ट्रंप को घेरा, कहा- शांतिपूर्वक करें सत्ता का हस्तांतरण

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन ने एक बयान में कहा हमारे कैपिटल हमारे संविधान और हमारे देश पर अभूतपूर्व हमला किया गया। हमें इसे ठुकराकर एकजुटता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। जबकि कार्टर ने कहा कि वह व्यथित हैं।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 08:30 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 08:33 PM (IST)
ओबामा ने एक बयान में कहा कि आज की हिंसा एक मौजूदा राष्ट्रपति के उकसावे पर हुई।

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के चार पूर्व राष्ट्रपतियों बराक ओबामा, जॉर्ज डब्ल्यू बुश, बिल क्लिंटन और जिमी कार्टर ने संसद परिसर में हुए उपद्रव को लेकर ट्रंप को घेरा और उनके समर्थकों के कृत्य की तीखी आलोचना की। उन्होंने शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण की अपील भी की है।

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ओबामा ने एक बयान में कहा, 'आज की हिंसा एक मौजूदा राष्ट्रपति के उकसावे पर हुई। वह वैध तरीके से हुए चुनाव नतीजों के बारे में लगातार बेबुनियाद झूठ बोल रहे हैं।' बुश ने कहा, 'मैं इस हरकत को देखकर आहत हूं। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे देश के संस्थानों, परंपराओं और कानून का सम्मान करें।' क्लिंटन ने एक बयान में कहा, 'हमारे कैपिटल, हमारे संविधान और हमारे देश पर अभूतपूर्व हमला किया गया। हमें इसे ठुकराकर एकजुटता के साथ आगे बढ़ना चाहिए।' जबकि कार्टर ने कहा कि वह व्यथित हैं। 

बता दें कि अमेरिका में गत तीन नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव हुआ था। इसमें डेमोक्रेट बाइडन की जीत हुई थी। चुनाव नतीजे आने के दो माह बाद भी रिपब्लिकन पार्टी के ट्रंप ने बाइडन के हाथों अपनी हार नहीं मानी और बेबुनियाद धांधली के आरोप लगाते रहे। उन्होंने चुनाव नतीजों को कई प्रांतों की अदालतों में चुनौती भी दी थी, लेकिन निराशा हाथ लगी थी।

पहली बार दिखी ऐसी हिंसा

कैपिटल यानी संसद परिसर को वर्ष 1800 में खोला गया था। यह कैपिटल हिल पर स्थित है। यहीं पर संसद के दोनों सदन सीनेट और प्रतिनिधि सभा हैं। इसके अस्तित्व में आने के 14 वर्ष बाद यानी 1814 में एक युद्ध में ब्रिटिश बलों ने इसे जलाने का प्रयास किया था। इसके बाद 1915 में एक जर्मन व्यक्ति ने बारूद लगाकर इसे उड़ाने की कोशिश की थी। 1998 में इस परिसर में सबसे बड़ा हमला किया गया था। एक विक्षिप्त व्यक्ति ने जांच चौकी पर हमला कर दो पुलिस अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया था। कैपिटल के इतिहास में बुधवार की हिंसा सबसे अभूतपूर्व बताई जा रही है।


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