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अमेरिका सहित पांच देशों ने चीन के खिलाफ सीधा मोर्चा खोला

अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पारित होने के साथ ही पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए चीन से कहा है कि वह हांगकांग के नागरिक अधिकारों को कम ना करे। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अयोग्य करार देने के लिए बनाए गए कानूनों पर गंभीर चिंता जताई है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 04:24 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 04:24 PM (IST)
अमेरिका सहित पांच देशों ने चीन के खिलाफ सीधा मोर्चा खोला
अमेरिकी संसद ने चीन के खिलाफ भी निंदा प्रस्ताव पारित किया (फाइल फोटो)

वाशिंगटन, एजेंसियां। हांगकांग में नागरिक हनन के मामलों पर अमेरिका सहित पांच देशों ने चीन के खिलाफ सीधा मोर्चा खोल दिया है। अमेरिकी संसद ने तो इसको लेकर बीजिंग की निंदा वाला प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया। साथ ही चेताया है कि अगर चीन ने हांगकांग में लोगों के मौलिक अधिकारों पर हमले बंद नहीं किए तो उसे गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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अमेरिकी संसद में प्रस्ताव पारित होने के साथ ही पांच देशों के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान जारी करते हुए चीन से कहा है कि वह हांगकांग के नागरिक अधिकारों को कम ना करे। हांगकांग के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को अयोग्य करार देने के लिए बनाए गए नए कानूनों पर भी गंभीर चिंता जताई है। इस साझा बयान में अमेरिका के साथ ही कनाडा, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन शामिल हैं।

इन पांच देशों ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने और सितंबर माह में विधान परिषद के चुनाव स्थगित किए जाने को भी स्वायत्तता, अधिकारों और स्वतंत्रता को कम करना बताया है।

अमेरिकी संसद में हांगकांग को लेकर प्रस्ताव पारित करने के दौरान सांसदों ने चीन पर तीखे हमले किए। उन्होंने सलाह दी कि इस संबंध में अमेरिका को अपने सहयोगी देशों से बात करनी चाहिए और चीन की हांगकांग में मौलिक अधिकारों को कुचलने की कोशिशों पर लगाम लगानी चाहिए।

पुलिस ज्यादती पर हांगकांग की अदालत ने फटकार लगाई

हांगकांग: लोकतंत्र समर्थकों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ज्यादती के संबंध में यहां की हाइकोर्ट में दायर एक याचिका में सुनवाई के दौरान अदालत ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने पुलिस के खिलाफ आने वाली शिकायतों के लिए नई व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत बताई है। अदालत ने यह भी माना है कि मौजूदा व्यवस्था में पुलिस नागरिकों के अधिकारों को बनाए रखने में असफल साबित हुई है। इस संबंध में हांगकांग के पत्रकार संगठन ने अदालत में याचिका दायर करते हुए प्रदर्शन के दौरान ज्यादती होने की न्यायिक जांच की भी मांग की है।


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