COVID-19 के निदान के लिए अमेरिका ने एंटीजन टेस्ट को मंजूरी दी, मिनटों में आएंगे जांच के नतीजे
पहली बार एंटी-टेस्ट का उपयोग कर COVID-19 संक्रमण का पता लगाने और उसका इलाज करने के लिए अधिकृत किया है। कोरोना वायरस एंटीजन एक नए तरह का परीक्षण होगा।
वाशिंगटन, एजेंसी। वैश्विक कोरोना वैश्विक महामारी के बीच यह खबर थोड़ी राहत देने वाली लग सकती है। महामारी के प्रकोप के बीच अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने पहली बार एंटीजन टेस्ट को मंजूदी दी है। पहली बार एंटी-टेस्ट का उपयोग कर COVID-19 संक्रमण का पता लगाने और उसका इलाज करने के लिए अधिकृत किया है। एफडीए ने शनिवार को अपने जारी बयान में कहा है कि कोरोना वायरस एंटीजन एक नए तरह का परीक्षण होगा। इससे कोरोना की जांच प्रक्रिया आसान होगी और यह उसके इलाज में भी कारगर होगा।
कोरोना वायरस की जांच में वरदान साबित होगा एंटी टेस्ट
कोरोना वायरस की जांच में यह वरदान साबित होगा। अभी तक कोरोना वायरस की जांच के लिए एक लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरनाा होता था। इसके परिणाम आने में कई दिन लग जाते थे। लेकिन एंटीजन टेस्ट ने पूरी प्रक्रिया को आसान बना दिया है। इसका एक प्रमुख लाख यह है परीक्षण की गति को बहुत तेजी से करता है। मरीजों में कोरोना जांच के परिणाम मिनटों में प्रदान कर सकता है। इससे जहां कोरोना संक्रमितों की गणना में लाभ मिलेगा, वहीं दूसरी ओर मरीज को मिनटों में पता करके कोरोना के प्रसार पर विराम लगाया जा सकता है।
15 मिनट के भीतर परिणाम दे सकता परीक्षण
क्विड कॉर्प ने कहा कि सोफिया 2 एसएआरएस एंटीजन एफआईए नामक परीक्षण 15 मिनट के भीतर परिणाम दे सकता है। एफडीए ने कहा कि एंटीजन परीक्षण मौजूदा परीक्षणों की तुलना में उत्पादन बेहद सरल है। इसकी जांच की प्रक्रिया आसान है। यह एक नाक स्वाब द्वारा आयोजित किया जाता है। यह वायरस प्रोटीनों का पता लगाकर मिनटों के भीतर परिणाम देता है। एंटीजन परीक्षण के परिणाम अत्यधिक सटीक होते हैं। इसमें झूठे परिणामों की संभावना न्यून है।
अमेरिका में 13 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में 13 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। कोरोना से मरने वालों की संख्या 78,320 के पार हो गई है। अमेरिका में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से अमेरिका में बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई है। दो महीने में 3.3 करोड़ से ज्यादा अमेरिकियों की नौकरी चली गई है। अप्रैल में बेरोजगारी की दर 14.7 प्रतिशत पहुंच गई है। बेरोजगारी के आंकड़े 1948 से जुटाए जा रहे हैं और तब से यह बेरोजगारी की सर्वाधिक दर है। हालात महामंदी से बदतर होते दिख रहे हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिकी सरकार एच-1बी वीजा समेत कार्य आधारित विभिन्न वीजा पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है।