हर दूसरे दिन उपवास करना स्वास्थ्य के लिए हो सकता है फायदेमंद, नियंत्रित रहता है डायबिटीज
इसमें एक खास तरह का ईटिंग पैटर्न होता है जिसमें आमतौर पर खाने और व्रत करने के बीच 16 घंटे के ब्रेक लिया जाता है।
वाशिंगटन, एएनआइ। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हर दूसरे दिन व्रत से स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे लिवर में मौजूद फैटी एसिड का मेटाबॉलिज्म बदल जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह इंटरमिटेंट फास्टिंग या रुक-रुक कर व्रत करने से शरीर में ग्लूकोज के स्तर में तो सुधार होता ही है। साथ ही, डायबिटीज भी नियंत्रित रहता है। वजन कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इसमें एक खास तरह का ईटिंग पैटर्न होता है, जिसमें आमतौर पर खाने और व्रत करने के बीच 16 घंटे के ब्रेक लिया जाता है। ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी के डॉक्टर मार्क लॉरेंस ने कहा, 'भविष्य में इस अध्ययन का उपयोग अब लिवर में प्रोटीन की प्रतिक्रिया को विनियमित करने के लिए अधिकतम उपवास की अवधि निर्धारित करने के लिए भी किया जा सकता है। यह अध्ययन सेल रिपोर्ट्स नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
प्रोटीन की आश्चर्यजनक भूमिका का लगा पता
चूहों पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पता लगाया कि एक दिन छोड़ कर व्रत रखने से लिवर का प्रोटीन कैसे प्रभावित होता है। लॉरेंस ने कहा इस दौरान उन्होंने फैटी एसिड मेटाबॉलिज्म पर अप्रत्याशित प्रभाव देखा। साथ ही, प्रोटीन की आश्चर्यजनक भूमिका का भी पता लगाया। प्रोटीन लिवर और शरीर के अन्य अंगों के जैविक मार्गो को नियंत्रित करता है।
व्रत रखना बीमारियों से बचाव के लिए फायदेमंद
डॉ. लॉरेंस ने कहा, 'हम जानते हैं कि एक सीमित समय के बाद व्रत रखना बीमारियों से बचाव के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन हम यह नहीं जानते कि व्रत रखने से प्रोटीन कैसे हमारे लिवर को री-प्रोग्राम करता है, जिससे मेटाबॉल्जिम की कार्यप्रणाली में सुधार आता है। '
उन्होंने कहा कि चूहों के लिवर में प्रोटीन के प्रभावों का अध्ययन से हमें यह समझने में मदद मिली कि एक दिन छोड़कर व्रत रखने से कितना फायदा हो सकता है।