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मतदाताओं को भ्रमित करने वालों के खिलाफ सख्त हुई फेसबुक, अपनाई ये नई नीति

सोशल मीडिया कंपनी ने पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रामक जानकारियों को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 06:35 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 06:35 PM (IST)
मतदाताओं को भ्रमित करने वालों के खिलाफ सख्त हुई फेसबुक, अपनाई ये नई नीति
मतदाताओं को भ्रमित करने वालों के खिलाफ सख्त हुई फेसबुक, अपनाई ये नई नीति

सैन फ्रांसिस्को, आइएएनएस। अमेरिका में होने वाले मध्यावधि चुनाव से पहले सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी फेसबुक ने लोगों को मतदान करने से रोकने वालों के क्रियाकलापों के खिलाफ अपनी नीतियां सख्त करने की घोषणा की है। चुनाव से पूर्व मतदाताओं को वोट करने से रोकने के लिए कई तरह की भ्रामक जानकारियां फैलायी जाती हैं। उन्हें बताया जाता है कि वह मैसेज से भी वोट कर सकते हैं। वोटों की गिनती को लेकर भी उन्हें बरगलाया जाता है। फेसबुक ने इन भ्रामक जानकारियों को प्रतिबंधित कर दिया है।

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फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी मैनेजर जेसिका लेइंवांड ने कहा, अगर किसी यूजर को मतदान से जुड़ी कुछ ऐसी जानकारी दिखती है जो उनके हिसाब से गलत है तो वह फेसबुक में उसकी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं। राज्य के चुनाव आयोग के लिए भी रिपोर्टिग चैनल बनाए गए हैं।' चुनाव से जुड़ी जानकारियों की प्रमाणिकता जांचने के लिए कंपनी उसे विशेषज्ञों के पास भेजेगी। जानकारी गलत निकलने पर वह न्यूज फीड में सबसे आखिरी में दिखाई देगा। उसके साथ विशेषज्ञ की अतिरिक्त जानकारियां भी जोड़ी जाएंगी।

ब्रिटिश विज्ञापनदाता को उजागर करनी होगी पहचान
ब्रिटेन में फेसबुक पर राजनीतिक विज्ञापन देने वालों को अपनी पहचान उजागर करना अनिवार्य कर दिया गया है। सोशल मीडिया कंपनी ने पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रामक जानकारियों को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया है। इसके साथ ही राजनीतिक विज्ञापन देने वालों को वैधानिक चेतावनी भी देनी होगी जो सात सालों तक सार्वजनिक डाटा बेस में मौजूद रहेगी।

हाल में ही में ब्रिटिश सांसदों ने डिजिटल युग में लोकतंत्र और चुनाव की पारदर्शिता बचाए रखने के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से जरूरी कदम उठाने की अपील की थी। कंपनी ने कहा, 'फेसबुक के ज्यादातर विज्ञापन प्रमाणिक स्त्रोत से ही आते हैं लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर रहे हैं। विज्ञापनदाताओं की पहचान उजागर करने से पारदर्शिता बढ़ेगी जो लोकतंत्र के लिए अच्छा है।'


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