फेसबुक की बढ़ीं मुश्किलें, अब एंड्रॉइड से पर्सनल डाटा चुराने का आरोप
फेसबुक अब एंड्रॉएड उपकरणों से फोन नंबर तथा टेक्स्ट मैसेज हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है।
सैन फ्रांसिस्को, (एजेंसी)। फेसबुक कंपनी की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। अमेरिका और ब्रिटेन के समाचार पत्रों में कैंब्रिज एनालिटिका स्कैंडल पर माफी मांगने के बाद सोशल नेटवर्किग कंपनी अब एंड्रॉएड उपकरणों से फोन नंबर तथा टेक्स्ट मैसेज हासिल करने को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है।
ऐसा दावा है कि फेसबुक द्वारा एकत्रित किया गया डेटा देखने पर यूजर्स ने पाया कि उसमें उनके वर्षो पुराने कॉन्टेक्ट, टेलीफोन नंबर, कॉल की अवधि और एसएमएस भी थे। न्यूजीलैंड के एक शख्स ने फेसबुक द्वारा कॉन्टेक्ट से स्टोर की गई जानकारी में देखा कि कंपनी के पास उनके दो साल के कॉल, फोन नंबर आदि एकत्रित किए हुए थे। हालांकि कंपनी ने इस दावे को खारिज किया है। कंपनी ने कहा है कि यह जानकारी सर्वर को सुरक्षित करने के लिए अपलोड की गई और यह केवल उन्हीं यूजर्स की है, जिसकी उन्होंने अनुमति दी है। प्रवक्ता ने बताया कि इस डेटा को यूजर्स के मित्रों को अथवा किसी बाहरी को न तो बेचा गया न ही किसी के साथ साझा किया गया।
बता दें कि हाल में लंदन की एक विवादित इलेक्शन कंसल्टेंसी क्रैब्रिज एनालिटिका के बारे में मीडिया में खुलासा हुआ था कि उसने फेसबुक के करीब 5 करोड़ लोगों का डेटा अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को चुनाव जिताने के लिए इस्तेमाल किया था। इस खुलासे के बाद दुनिया भर में हड़कंप मच गया था और हजारों लोग अपने फेसबुक अकाउंट डिलीट करने लगे। लेकिन अब यह बात भी सामने आ रही है, लोग चाहकर भी अपने अकाउंट डिलीट नहीं कर पा रहे हैं और उनका काफी डेटा फेसबुक के रिकॉर्ड में रहता है। लोगों ने फेसबुक के खिलाफ नाराजगी को लेकर #DeleteFacebook ट्रेंड चलाकर लोगों से उनके खाते बंद करने की अपील की मुहिम भी चलाई।
कैंब्रिज एनालिटा कांड के बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग गलती स्वीकार चुके हैं। भारत में फेसबुक के करीब 20 करोड़ यूजर बताए जाते हैं। भारत अमेरिका के बाद फेसबुक का सबसे बड़ा बाजार हैं, इसलिए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद फेसबुक को उसके द्वारा भारतीय चुनावी प्रकिया में किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए की सूरत में अंजाम भुगतने की चेतावनी भी दे चुके हैं। लेकिन हालिया घटनाक्रमों को लेकर फेसबुक यूजरों के मन में इसकी सुरक्षा पॉलिसी को लेकर भय बैठ गया है।