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सावधान! बुढ़ापे की तस्वीर दिखाने वाला FaceApp कहीं आपको भारी न पड़ जाए

इस एप को लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं। आम यूजर्स ही नहीं बल्कि बड़ी फिल्मी हस्तियां और अन्य चर्चित लोग भी इस एप की मदद से बनी बुढ़ापे की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 18 Jul 2019 08:19 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jul 2019 08:19 PM (IST)
सावधान!  बुढ़ापे की तस्वीर दिखाने वाला FaceApp कहीं आपको भारी न पड़ जाए
सावधान! बुढ़ापे की तस्वीर दिखाने वाला FaceApp कहीं आपको भारी न पड़ जाए

वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। इंटरनेट की दुनिया में कब क्या ट्रेंड करने लगे, कोई नहीं जानता। कभी लोग राजनेताओं से अपनी शक्ल मिलाने लगते हैं, तो कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में अपने लिए पद तलाशने लगते हैं।

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आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित एल्गोरिदम पर काम करने वाले ऐसे कई एप हैं, जो लोगों को लुभाते हैं। इन दिनों ऐसा ही एक एप सोशल मीडिया पर छाया है, जिसका नाम है फेसएप। यह एप खास एल्गोरिदम की मदद से आपकी तस्वीर को कुछ ऐसा बना देता है, जैसे आप शायद कुछ दशक बाद दिखेंगे।

इस एप को लोग हाथोंहाथ ले रहे हैं। आम यूजर्स ही नहीं, बल्कि बड़ी फिल्मी हस्तियां और अन्य चर्चित लोग भी इस एप की मदद से बनी बुढ़ापे की तस्वीर को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। कुछ ही दिनों में यह एप सोशल मीडिया की सनसनी बन गया है। इसके बढ़ते ट्रेंड के साथ ही इसके खतरे को लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

कई लोगों को संदेह है कि यह एप लोगों की निजी जानकारियां चुरा सकता है। अमेरिका में सीनेटर चक शुमर ने तो इस पर चिंता जताते हुए जांच की मांग भी कर दी है। उन्होंने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआइ) और उपभोक्ताओं की सुरक्षा करने वाली सरकारी इकाई एफटीसी से इस एप के खिलाफ जांच की अपील की है। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और निजता के लिए खतरा बताया है।

क्या है डर की वजह?

इस एप को लेकर अमेरिकी सीनेटर के डर की वजह है इसकी लोकेशन। इस एप को रूस में सेंट पीटर्सबर्ग स्थित वायरलेस लैब कंपनी ने विकसित किया है। चक शुमर के डर की असली वजह यही है। उनका कहना है कि यह एप मूलरूप से रूस का है और कंपनी कब अमेरिकी नागरिकों का डाटा किसी तीसरे पक्ष को या विदेशी सरकारों को मुहैया करा दे, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

उन्होंने शंका जताई है कि अगर अमेरिकी नागरिकों के संवेदनशील डाटा किसी ऐसे देश के हाथ लग गए, जो पहले से ही अमेरिका के खिलाफ साइबर युद्ध में लगा है, तो बड़ी मुश्किल हो सकती है। इतना ही नहीं, डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान से जुड़े सभी सदस्यों को तत्काल यह एप अपने फोन से हटाने का अलर्ट जारी किया है।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

ज्यादातर विशेषज्ञ एप से किसी तरह का खतरा होने की बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। सुरक्षा से जुड़े शोध में सक्रिय फ्रांस के बाप्टिस्ट रॉबर्ट ने कहा, 'यह एप केवल मेरे स्मार्टफोन के मॉडल, उसकी डिवाइस आइडी और एंड्रॉयड वर्जन के बारे में जानकारी भेजता है। किसी भी एप के लिए यह बेहद सामान्य बात है।' उनका कहना है कि इन छोटी-छोटी जानकारियों के अलावा इस एप के पास बस एक ही चीज अतिरिक्त है, वह है आपकी तस्वीर, जिसकी मदद से आप अपनी बुढ़ापे वाली शक्ल बनाते हैं।

कंपनी ने दी है सफाई

सुरक्षा के सवाल उठने के बाद कंपनी ने भी इस बारे में सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि यूजर का डाटा किसी भी तीसरे पक्ष से शेयर नहीं किया जाता है। यूजर की तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से उसकी बुढ़ापे की तस्वीर में बदल दिया जाता है। इस प्रक्रिया में तस्वीर को क्लाउड पर स्टोर किया जाता है, ताकि यूजर को बार-बार इसे अपलोड ना करना पड़े। कंपनी का यह भी दावा है कि ज्यादातर फोटो 48 घंटे में डिलीट कर दी जाती हैं।


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