सीरिया मामला: रूस पर अमेरिका की ओर से नए प्रतिबंधों में इयू का साथ नहीं
अमेरिका की ओर लगाए जाने वाले नए प्रतिबंधों के जरिए उन कंपनियों को निशाना बनाए जाएगा जिन्होंने सीरिया के शासन को ये रसायनिक हथियार उपलब्ध कराए थे।
लक्जेमबर्ग (रायटर्स)। सीरिया पर हुए रासायनिक हमले के बाद रूस पर अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे नए प्रतिबंधों को यूरोपियन संघ के विदेश मंत्रियों की ओर से समर्थन की संभावना नहीं है।
इससे पहले संभावना जताई गई थी कि सीरिया के रासायनिक हमले को लेकर अमेरिका उसके सहयोगी देश रूस पर नए प्रतिबंध लगा सकता है। इस बाबत अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने भी कहा था कि इन प्रतिबंधों के जरिए उन कंपनियों को निशाना बनाए जाएगा जिन्होंने सीरिया के शासन को ये रसायनिक हथियार उपलब्ध कराए थे।
बता दें कि रूस ने सीरिया पर हमले की निंदा प्रस्ताव के लिए वोटिंग कराने की मांग की। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त रूप से सीरिया की राजधानी दमिश्क पर हमला किया। इस हमले का मकसद सीरियाई रासायनिक हथियारों को खत्म करना था ताकि इसका इस्तेमाल भविष्य में न किया जा सके। लक्सेमबर्ग में इयू विदेश मंत्रियों की बैठक में पश्चिमी देश के नेताओं ने कूटनीति पर जोर देने की मांग की।
मीटिंग में आए ब्रिटिश विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया, ‘महत्वपूर्ण यह है कि हमलों के जरिए सीरिया में जंग को बढ़ावा न देकर प्रशासन को बदला जाए।‘ लक्सेमबर्ग में मंत्रियों की ओर से नए यात्रा प्रतिबंधों को लेकर बयान जारी किया जाना था।
मास्को में अपने रूसी समकक्ष सर्गेइ लावरोव से मुलाकात के दौरान डच विदेश मंत्री स्टेफ ब्लॉक ने कहा, ‘हमें यूएन के जरिए सीजफायर और मानवीय मदद के लिए प्रयासों को जारी रखना पड़ेगा। एकमात्र समाधान सुरक्षा परिषद के जरिए शांति प्रक्रिया है।‘
इससे पहले वाशिंगटन की कार्रवाई के कुछ महीनों बाद इयू की ओर से फैसला आता है। रूस यूरोप का सबसे बड़ा एनर्जी सप्लायर है। इयू ने पहले ही सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार पर कई इकोनॉमिक प्रतिबंध लगा दिया है।