अमेरिका में असल मतदान में चार दिन बाकी लेकिन 'अर्ली वोटिंग' में 8.5 करोड़ लोगों ने डाला वोट, जानें क्या है Early Voting
अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में असल मतदान में अभी चार दिन बाकी हैं लेकिन उससे पहले ही अर्ली वोटिंग में 8.5 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया है। यही नहीं इन मतदाताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं। जानें क्या होती है अर्ली वोटिंग...
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में असल मतदान में अभी चार दिन बाकी हैं, लेकिन उससे पहले ही 'अर्ली वोटिंग' में 8.5 करोड़ लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हैं, जिन्होंने शनिवार को फ्लोरिडा में एक लाइब्रेरी में बने मतदान केंद्र में अपना वोट डाला था। विदेश मंत्री के दफ्तर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, टेक्सास में 90 लाख लोगों ने मतदान किया है।
महामारी से बचने के लिए अर्ली वोटिंग में दिलचस्पी
हवाई प्रांत के बाद सबसे अधिक मतदान टेक्सास में ही हुआ है। महामारी के चलते मतदान केंद्रों पर भीड़ से बचने के लिए पूरे अमेरिका में लोग अर्ली वोटिंग में भाग ले रहे हैं। पिछले चुनाव में पड़े वोट का लगभग 60 फीसद मतदान अभी तक 'अर्ली वोटिंग' में ही हो गया है। जॉर्जिया और अरिजोना समेत अमेरिका के कई राज्यों में 'अर्ली वोटिंग' के लिए शुक्रवार का दिन आखिरी था।
क्या होती है 'अर्ली वोटिंग'
बता दें कि अमेरिका में चुनाव की असल तारीख से पहले मतदान देने की सुविधा को 'अर्ली वोटिंग' कहा जाता है। यह व्यवस्था इसलिए की गई है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदान सुनिश्चित कराया जा सके। मतदान केंद्रों पर भीड़ से बचने के लिए भी लोग अर्ली वोटिंग करते हैं। इसके अलावा वो लोग भी इस सुविधा का लाभ उठाते हैं, जो असल चुनाव के दिन किसी वजह से वोट नहीं दे सकते।
तीखी हुई जुबानी जंग
इस बीच अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अंतिम दौर में पहुंच गया है। इसके साथ ही ट्रंप और जो बिडेन के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। दोनों प्रतिद्वंद्वी एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। ट्रंप ने बिडेन को अमेरिकी इतिहास का सबसे बेकार प्रत्याशी करार दिया है। वहीं बिडेन ने कहा कि ट्रंप अपनी रैलियों के जरिये देश में कलह और कोरोना वायरस फैला रहे हैं।
फेसबुक ने उठाए महत्वपूर्ण कदम : जुकरबर्ग
वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने आशंका जताई है कि चुनाव में ट्रंप और बिडेन के बारे में दुष्प्रचार किया जा सकता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे चुनाव प्रभावित होने का खतरा है। दूसरी ओर मार्क जुकरबर्ग ने शुक्रवार को कहा कि फेसबुक की ओर से उठाए गए कदमों ने यूरोपीय यूनियन, भारत और इंडोनेशिया समेत दुनियाभर में 200 से ज्यादा विभिन्न चुनावों की प्रामाणिकता की रक्षा करने में कंपनी की मदद की है।