टीनएजर्स को बर्बाद कर रहा ई-सिगरेट, दो साल में दोगुने अमेरिकी किशोर हो गए आदी
अमेरिका में पिछले दो साल में ई-सिगरेट के लती किशोरों की संख्या दोगुनी हो गई। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है।
न्यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिका में पिछले दो साल में ई-सिगरेट के लती किशोरों की संख्या दोगुनी हो गई। न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। अमेरिकी स्कूलों में आठवीं, दसवीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के बीच यह सर्वे कराया गया था। 2019 मॉनीटरिंग द फ्यूचर सर्वे के अनुसार, अमेरिका में 12वीं कक्षा में हर चार में एक, दसवीं कक्षा में हर पांच में एक और आठवीं कक्षा के प्रत्येक 11 छात्रों में एक ई-सिगरेट का इस्तेमाल कर रहा है।
यह आंकड़ा एक साल पहले के मुकाबले दोगुना था। यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के मुख्य शोधकर्ता रिचर्ड मेइच का कहना है कि ई-सिगरेट से बच्चों के स्वास्थ्य को हो रहे नुकसान को देखते हुए मां-बाप को सजग रहने की जरूरत है। ई-सिगरेट बच्चों को निकोटीन की आदी बना देती है, जिसका मस्तिष्क पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए ट्रंप प्रशासन इस पर प्रतिबंध की तैयारी कर रहा है।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, ई-सिगरेट (e-cigarettes) से जुड़ी मौतों और किशोरों के स्वास्थ्य पर इसके खतरनाक असर को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि ई-सिगरेट की लत खासतौर पर बच्चों में नई समस्या बनकर उभरी है। ई-सिगरेट से अब तक अमेरिका में छह लोगों की मौत हो चुकी है और 450 लोग फेफड़े की बीमारी से परेशान हैं।
बता दें कि अमेरिका में ई-सिगरेट मैंगो, क्रीम, मिंट, मेंथॉल, कैंडी, फ्रूट और एल्कोहल फ्लेवर में आसानी से उपलब्ध हैं। इससे बच्चों को इसकी लत लग जा रही है। स्वास्थ्य पर ई-सिगरेट के खतरनाक प्रभाव को देखते हुए पीडि़त बच्चों के माता-पिता, शिक्षाविद और सिविल सोसायटी के लोग इसे प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं। यहां तक कि न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू क्यूमो ने मिशिगन की तरह पूरे राज्य में फ्लेवर्ड ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है।