छह करोड़ को गरीबी में धकेलेगा कोरोना, 160 अरब डॉलर की सहायता देने को तैयार वर्ल्ड बैंक
वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपॉस ने कहा कि इस महामारी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बंद होने से छह करोड़ से अधिक लोग गरीबी की दलदल में फंस जाएंगे।
वाशिंगटन, एजेंसी। वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण दुनियाभर में छह करोड़ से अधिक लोग गरीबी की दलदल में फंस जाएंगे। इस वैश्विक संस्था ने महामारी से उबरने के अभियान के तहत 100 विकासशील देशों को 160 अरब डॉलर की सहायता देने की घोषणा की है। यह पूरी सहायता पंद्रह महीने की अवधि में दी जाएगी।
वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट डेविड मालपॉस ने मंगलवार को एक कांफ्रेंस कॉल में संवाददाताओं से कहा, 'इस महामारी और विकसित अर्थव्यवस्थाओं के बंद होने से छह करोड़ से अधिक लोग गरीबी की दलदल में फंस जाएंगे। हाल के दिनों में गरीबी उन्मूलन की दिशा में हमने जो प्रगति की है, उसमें से बहुत कुछ खत्म हो जाएगा। 'वर्ल्ड बैंक प्रमुख ने कहा, 'वर्ल्ड बैंक समूह ने तेजी से कदम उठाया है और 100 देशों में आपात सहायता अभियान शुरू किया है। इसमें अन्य दानदाताओं को कार्यक्रम के तेजी से आगे बढ़ाने की अनुमति होती है। '
अगले 15 महीने के दौरान दी जाएगी रकम
उन्होंने कहा कि 160 अरब डॉलर की रकम अगले 15 महीनों के दौरान दी जाएगी। वर्ल्ड बैंक से सहायता पा रहे 100 देशों में दुनिया की 70 प्रतिशत आबादी रहती है। इनमें से 39 अफ्रीका के उप-सहारा क्षेत्र के हैं। सहायता के कुल प्रोजेक्ट में एक तिहाई अफगानिस्तान, चाड, हैती और नाइजर जैसे नाजुक और चरमपंथ प्रभावित क्षेत्रों में हैं। लचीले लक्ष्य की वकालत मालपॉस ने कहा, ' वृद्धि की राह पर लौटने के लिए हमारा लक्ष्य स्वास्थ्य आपात स्थिति से निपटने को लेकर तीव्र और लचीला होना चाहिए। साथ ही गरीबों की मदद के लिए नकद और अन्य सहायता, निजी क्षेत्र का अस्तित्व बनाए रखना और अर्थव्यवस्था की मजबूती एवं पुनरुद्धार को मजबूत बनाने का होना चाहिए।'
कार्यक्रम देशों के हिसाब से वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट ने कहा कि सहायता कार्यक्रम देशों के हिसाब से तैयार किए गए हैं, ताकि वे स्वास्थ्य और आर्थिक-सामाजिक झटकों से प्रभावी तरीके से निपट सके जिसका वे सामना कर रहे हैं। मालपॉस ने कहा कि इस कार्यक्रम से स्वास्थ्य व्यवस्था मजबूत होगी और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरणों की खरीद में मदद मिलेगी।