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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेश किया इजरायल और फलस्तीन विवाद को सुलझाने का फॉर्मूला

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि यरूशलम का बंटवारा नहीं होने जा रहा है और इजरायल की अविभाजित राजधानी बनी रहेगी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Wed, 29 Jan 2020 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jan 2020 01:13 AM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेश किया इजरायल और फलस्तीन विवाद को सुलझाने का फॉर्मूला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेश किया इजरायल और फलस्तीन विवाद को सुलझाने का फॉर्मूला

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि यरुशलम का बंटवारा नहीं होने जा रहा है और वह इजरायल की अविभाजित राजधानी बनी रहेगी। ट्रम्प ने फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण के लिए पूर्वी यरुशलम को राजधानी के रूप का प्रस्ताव रखा है। यह फिलिस्तीनियों पर निर्भर है कि वे इजरायल के साथ दशकों के संघर्ष के बाद शांति स्‍थापित करने के प्रयास में स्वशासन बनाने के लिए कदम उठाते हैं या नहीं। ट्रंप ने पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने के लिए अपनी योजना पेश करते हुए यह बात कही। इसके तहत इजरायल-फलस्तीन के बीच जारी विवाद के स्थायी समाधान के लिए एक फॉमूला पेश किया है। फलस्तीन ने ट्रंप ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

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समस्या के स्थायी हल के लिए दो राष्ट्र का समाधान सुझाया

व्हाइट हाउस में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ ट्रंप ने पश्चिम एशिया शांति योजना का खाका पेश किया। इस मौके पर फलस्तीन की तरफ से वहां कोई नहीं था। लेकिन ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के राजदूत मौजूद थे। वहीं, व्हाइट हाउस ने इजरायल और फिलिस्तीन की सीमाओं को दर्शाते हुए एक नक्शा भी पेश किया। इसमें वेस्ट बैंक क्षेत्र में 15 इजरायली बस्तियों को दिखाया गया है, जो गाजा स्टि्रप से सिर्फ एक सुरंग से जुड़ा है।

फलस्तीन से इस समाधान को स्वीकार करने की अपील

ट्रंप ने कहा कि शांति स्थापना के लिए इजरायल ने बहुत बड़ा कदम बढ़ाया है। दो अलग-अलग राष्ट्र के निर्माण से ही इस मसले का स्थायी समाधान होगा। उन्होंने फलस्तीन से इस समाधान को स्वीकार करने की अपील की। ट्रंप ने कहा कि यरुशलम इजरायल की राजधानी बनी रहेगी, जबकि फलस्तीन के लिए यरुशलम के पूरब में नई राजधानी बनाई जाएगी। अपनी योजना को सदी का सौदा बताते हुए ट्रंप ने कहा कि फलस्तीन के लिए यह आखिरी मौका है। इससे पहले उसे इतना बढि़या मौका नहीं मिला होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि फलस्तीन के लोगों को भी एक बेहतर जिंदगी पाने का हक है। वहीं, नेतन्याहू ने इसे ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि वह इस योजना के आधार पर फलस्तीन के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं।

फलस्तीन-हमास ने समाधान खारिज किया

ट्रंप का यह प्रस्तावित समाधान पहले लीक हो गया था। उसके बाद फलस्तीन ने इसे खारिज कर दिया था। फलस्तीन के राष्ट्रपति अब्बास ने कहा है कि ट्रंप का प्रस्ताव पास नहीं होगा। फलस्तीन में मंगलवार सुबह इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हुआ। वहीं, फलस्तीनी इस्लामी चरमपंथी संगठन हमास ने भी अमेरिका के इस प्रस्ताव को खारिज कर दियता है। हमास का कहना है कि फलस्तीन की राजधानी के तौर पर उसे यरुशलम के अलावा कोई दूसरा विकल्प स्वीकार नहीं होगा।


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