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अमेरिका में कोरोना से लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर कई भारतवंशी डॉक्टर, 10 गंभीर रूप से बीमार

अमेरिका में कोरोना महामारी से मुकाबले में सबसे आगे खड़े डॉक्टरों में कई भारतवंशी भी हैं। दस भारतवंशी डॉक्टरों के गंभीर रूप से बीमार होने की खबर है

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 20 Apr 2020 08:18 PM (IST)Updated: Mon, 20 Apr 2020 09:19 PM (IST)
अमेरिका में कोरोना से लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर कई भारतवंशी डॉक्टर, 10 गंभीर रूप से बीमार
अमेरिका में कोरोना से लड़ाई में अग्रिम मोर्चे पर कई भारतवंशी डॉक्टर, 10 गंभीर रूप से बीमार

वाशिंगटन, एजेंसीअमेरिका में कोरोना महामारी से मुकाबले में सबसे आगे खड़े डॉक्टरों में कई भारतवंशी भी हैं। भारतीय अमेरिकी डॉक्टर यहां पर असल नायक है। इस मुहिम में भारतीय मूल की 61 वर्षीय डॉक्टर माधवी अपनी जान भी गंवा चुकी हैं। वह अपने अंतिम समय में अपनी बेटी और पति से मिल भी नहीं पाई थीं। न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में कोरोना रोगियों का उपचार करते संक्रमित होने वाली माधवी की पिछले हफ्ते मौत हो गई।

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बेटी को भेजा था आखिरी मैसेज 

माधवी अया ने 18 वर्षीय इकलौती बेटी मिन्‍नोली को मरने से कुछ दिनों पहले एक मैसेज भेजा था। मैसेज में उन्होंने बेटी से वादा किया था कि वह जल्‍द ही घर आएंगी। तब मिन्‍नोली को नहीं पता था कि वह उसकी मां का आखिरी संदेश है। इस मैसेज को भेजने के तीन दिन बाद कोविड-19 के कारण माधवी की मौत हो गई। माधवी का परिवार, (उनके पति व बेटी) को लगता कि अस्‍पताल की लापरवाही के कारण उनकी मौत हुई है।

अमेरिकी एसोसिएशन ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडियन ओरिजिन (एएपीआइ) के सचिव रवि कोल्ली ने कहा, 'दस भारतवंशी डॉक्टरों के गंभीर रूप से बीमार होने की खबर है।' संक्रमित हुए अधिकतर डॉक्टर न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी से बताए जा रहे हैं। एएपीआइ 80 हजार से ज्यादा भारतीय मूल के चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है।

माधवी को सिर्फ एक सर्जिकल मास्‍क दिया गया था 

दरअसल, न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन के वुडहल अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में काम करनेवालीं माधवी ने मैसेज में पति और बेटी को बताया था कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज कर रही हैं। इस दौरान उन्‍होंने एक चौंकाने वाली बात ये बताई कि अस्‍पताल की ओर से उन्‍हें सिर्फ एक सर्जिकल मास्‍क दिया गया है। यह मास्‍क हवा के जरिए फैलने वाल संक्रमण से बचाव के लिए नाकाफी होता है। ऐसे में परिवार के सदस्‍यों को लगता है कि माधवी को अस्‍पताल में ही कोरोना ने चपेट में लिया होगा। बताया जाता है कि डॉ. माधवी (61) 1994 में पति के साथ अमेरिका आई थीं। वह जीवन के अंतिम समय में केवल मोबाइल के जरिए ही अपने परिवार से संपर्क कर सकती थीं।

उधर, किडनी संबंधी रोगों की भारतीय अमेरिकी विशेषज्ञ प्रिया खन्ना (43) का इस सप्ताह की शुरुआत में न्यूजर्सी के एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके पिता सत्येंद्र खन्ना (78) भी सर्जन हैं और वह भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। ऐसा बताया जा रहा है कि उनकी हालत गंभीर है और वह आईसीयू में हैं।

एएपीआई के उपाध्यक्ष डॉ. अनुपमा गोतीमुकुला ने कहा कि इलाज के दौरान कई डॉक्टर संक्रमित हो गए, कुछ की मौत हो गई, कुछ आईसीयू में हैं और कुछ घर पर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। समुदाय के लोग डॉ. अजय लोढा के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, जो संक्रमित पाए गए हैं और न्यूयॉर्क के अस्पताल में आईसीयू में हैं।
 
जानकारी के अनुसार, एएपीआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. गौतम समदर की पत्नी डॉ. अंजना समदर भी जीवन के लिए संघर्ष कर रही हैं और एक अन्य जाने माने भारतीय-अमेरिकी डॉक्टर सुनील मेहरा की हालत भी गंभीर है।

40 हजार से ज्‍यादा पीड़ितों की मौत 

कोरोना महामारी से दुनिया में सबसे ज्यादा जूझ रहे अमेरिका में अब तक सात लाख 65 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित पाए गए हैं। इस खतरनाक वायरस की चपेट में आकर 40 हजार से ज्यादा पीड़ि‍तों की मौत भी हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हालांकि कह रहे हैं कि उनका देश कोरोना से जंग में निरंतर प्रगति कर रहा है। ट्रंप के अनुसार, भारत समेत दस देशों ने मिलकर जितने कोरोना टेस्ट किए हैं, उससे ज्यादा अमेरिका कर चुका है। 

न्यूयॉर्क में नए मामलों में गिरावट

अमेरिका में महामारी का केंद्र बने न्यूयॉर्क राज्य में ही अकेले दो लाख 42 हजार से ज्यादा मामले हैं। 18 हजार से ज्यादा पीडि़तों की मौत हुई है। इस राज्य में पिछले आठ दिनों की अवधि में नए मामलों की दर में 50 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है। पड़ोसी राज्य न्यूजर्सी में 85 हजार लोग संक्रमित हैं।

कोरोना से मौत पर बोस्टन ग्लोब ने छापे 16 पेज

अमेरिका में कोरोना वायरस से हो रही मौतों पर बोस्टन ग्लोब अखबार ने अपने रविवार के अंक में 16 पेज प्रकाशित किए। अखबार के इस प्रकाशन से जाहिर होता है कि अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में इस महामारी से किस तरह मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है। अखबार ने कनेक्टिकट, मेन, रोड आइलैंड, न्यू हैंपशायर, कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा, मेरीलैंड, मिशिगन, न्यूजर्सी, न्यूयॉर्क, नार्थ कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, साउथ कैरोलिना और टेक्सास में मरने वालों का लेखा-जोखा भी प्रकाशित किया है।


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