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डोनाल्‍ड ट्रंप ने चला वोटिंग में फर्जीवाड़े का कार्ड, राष्ट्रपति चुनाव में देरी होने का दिया संकेत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दलील दी कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में मेल के जरिये मतदान कराना एक फ्रॉड साबित हो सकता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 07:21 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 01:52 AM (IST)
डोनाल्‍ड ट्रंप ने चला वोटिंग में फर्जीवाड़े का कार्ड, राष्ट्रपति चुनाव में देरी होने का दिया संकेत

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव में देरी होने का संकेत दे दिया है। उन्होंने दलील दी कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में मेल के जरिये मतदान कराना एक फ्रॉड साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि इसीलिए संघीय चुनाव आगामी नवंबर में न कराए जाएं और उन्हें तभी कराया जाए जब लोग सुरक्षित और सामान्य तरीके से अपने मताधिकारों का प्रयोग कर सकें। ट्रंप के इस विचार का तत्काल ही विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने तो विरोध किया ही है, राष्ट्रपति के रिपब्लिकन साथियों ने भी इससे पल्ला झाड़ लिया है।

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चुनाव टालने के लिए कानून में करना होगा संशोधन

अमेरिका के संघीय संविधान के मुताबिक, 20 जनवरी, 2021 में निर्धारित राष्ट्रपति चुनाव को टाला नहीं जा सकता है। लेकिन नवंबर के पहले मंगलवार को होने वाले संघीय चुनाव की तारीखों में हेरफेर हो सकता है। हालांकि इसके लिए भी संघीय कानून में बदलाव की जरूरत होगी और अमेरिकी कांग्रेस को एक अधिनियम लाकर इसे बदलना होगा। अमेरिका में कोरोना संक्रमण से 1.5 लाख से अधिक मौतों और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 32.9 फीसद की गिरावट आने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के लिए दोबारा चुनाव जीत पाना मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन इसके चलते आजाद अमेरिका के 200 साल से अधिक के इतिहास में चुनाव टालने की नौबत पहले कभी नहीं आई है।

विषम परिस्थितियों में भी अमेरिका में चुनाव हुए

यहां तक कि अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान, भीषण आर्थिक मंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी समय से चुनाव हुए थे। अमेरिकी संविधान के दूसरे अनुच्छेद के मुताबिक कांग्रेस को चुनाव का समय निर्धारित करने की शक्ति हासिल है। साथ ही 20वें संशोधन के जरिये राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का कार्यकाल आम चुनाव के बाद 20 जनवरी को खत्म हो जाता है। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा, '2020 में डाक के जरिये एकीकृत मतदान दरअसल अमेरिकी इतिहास का सबसे गलत और फर्जी मतदान होगा। हालांकि इस मतदान में कोई गैरहाजिर नहीं होगा।' उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के लिए यह बहुत बड़ी शर्मिदगी की बात होगी। इसलिए चुनावों को तब तक टाल दिया जाए तब तक कि लोग सही और सुरक्षित तरीके से मतदान न कर सकें।

पांच राज्यों ने डाक मतों को लेकर जताई पूरा प्रतिबद्धता

हालांकि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक छह अमेरिकी राज्य कैलीफोर्निया, उताह, हवाई, कोलोराडो, ओरेगॉन और वाशिंगटन डाक मतपत्रों से चुनाव नहीं कराने का मन बना चुके हैं। लेकिन अभी तक डाक मतों को लेकर मतदाताओं के फर्जीवाड़े के कोई सुबूत नहीं मिले हैं। यहां तक कि उन राज्यों में भी इसका कोई अंदेशा नहीं जताया गया है जहां, सभी वोट डाक से होने हैं। अमेरिका के पचास में से पांच राज्य पहले ही डाक मतों को लेकर अपनी पूरा प्रतिबद्धता जता चुके हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इन मतपत्रों को सुरक्षित रखने के सभी इंतजाम कर लिए हैं। ताकि कोई बाहरी आकर उनसे कोई छेड़छाड़ न कर सके।

मतों को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका जताई

जबकि चुनाव सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि नदारत मतों समेत यहां सभी प्रकार के मतदाता धांधली की बातें बेहद दुर्लभ हैं। फिर भी कोरोना महामारी के चलते ट्रंप ने नवंबर में होने वाले चुनाव के लिए खुल कर डाक मतों और उपलब्ध नहीं हुए मतों को लेकर फर्जीवाड़े की आशंका खुलकर जता दी है। ट्रंप का मानना है कि उनके दोबारा चुन कर आने में मतदान के विकल्प इस बार बेहद घातक साबित हो सकते हैं।

ट्रंप ने पिछले महीने भी एरीजोना में चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि अमेरिकी इतिहास में यह सबसे भ्रष्ट चुनाव होंगे। इस बीच, सीनेटर मिच मेक कॉनल समेत अमेरिकी कांग्रेस के रिपब्लिकन सांसदों ने ट्रंप के विचार को खारिज कर दिया है। वहीं जनप्रतिनिधि सभा के सदस्य रिपब्लिकन केविन मेककार्टली ने भी इस तर्क को खारिज किया है।

सर्वे में बिडेन को ट्रंप पर मिली बढ़त

गौरतलब है कि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव पर पिछले दिनों हुए ताजा सर्वेक्षण में डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन ने 10 अंकों की बढ़त ली है। ज्यादातर अमेरिकी देश का नेतृत्व करने के लिए पूर्व उपराष्ट्रपति बिडेन को बेहतर मानते हैं। इन दिनों अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और जो बिडेन को लेकर इसी तरह के सर्वे किए जा रहे हैं। इन सर्वे में ये पता किया जा रहा है कि जनता इन दोनों में से किसे अधिक पसंद कर रही है।

दरअसल, डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बिडेन कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान लॉकडाउन लगाने में देरी, अश्वेत लोगों पर किए जा रहे अत्याचार जैसे मुद्दों को चुनाव में भूना रहे हैं। अमेरिकी जनता से सर्वे के दौरान इन्हीं सवालों को पूछा जा रहा है। जनता इन चीजों के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ही जिम्मेदार मान रही है, इस वजह से वो बिडेन को पसंद कर रहे हैं।

प्रेसिडेंशियल डिबेट की तारीखें तय

अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अहम प्रेसिडेंशियल डिबेट की तारीखें तय हो गई हैं। कमीशन ऑन प्रेसिडेंशियल डिबेट (सीपीडी) द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप और डेमोक्रेट प्रत्याशी बिडेन के बीच पहली बहस 29 सितंबर को होगी। यह आयोजन ओहियो के क्लीवलैंड में होगा। 

दूसरी बहस 15 अक्टूबर को फ्लोरिडा के मियामी और तीसरी बहस 22 अक्टूबर को टेनेसी में होगी। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बीच होने वाली बहस सात अक्टूबर को होगी। सभी बहस 90 मिनट की होगी। व्हाइट हाउस पुल नेटवर्क बिना किसी विज्ञापन के इसका सीधा प्रसारण करेगा। 


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