सिंगापुर में चला किम का जादू, वार्ता के बाद ट्रंप के एलान से पेंटागन भी हैरान!
वॉशिंगटन में पेंटागन, विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस के अधिकारी अभी तक राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा का असर पता करने में जुटे हुए हैं।
वॉशिंगटन, जेएनएन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के बीच हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता उम्मीद से अच्छी रही। वार्ता के दौरान ट्रंप और किम के बीच काफी नजदीकियां देखने को मिलीं। वहीं वार्ता के बाद ट्रंप की कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य अभ्यास बंद करने के एलान ने तो विश्व के साथ-साथ पेंटागन को भी चकित कर दिया। पेंटागन को समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैसला कैसे ले लिया?
क्या ट्रंप पर चल गया किम का जादू?
ट्रंप के कोरियाई प्रायद्वीप में सैन्य अभ्यास रोकने की घोषणा को सुन सब आश्चर्यचकित रह गए। घोषणा के कुछ समय बाद दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी सैनिकों ने कहा कि उनके पास अभी तक सैन्य अभ्यास बंद करने के कोई निर्देश नहीं आए हैं। इसलिए वे अब भी सैन्य अभ्यास की तैयारियां कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया में, अमेरिकी सेना की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जेनिफर लॉवेट ने एक ईमेल के जरिए बताया, 'यहां अमेरिकी कमांड को सैन्य अभ्यास रोकने से जुड़ा कोई निर्देश नहीं मिला है। जब तक हमें रक्षा मंत्रालय से कोई अपडेट नहीं मिलता तब तक हम इसी स्थिति को आगे बढ़ाएंगे।'साल 2015 से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच होने वाले सैन्य अभ्यास को उल्ची फ्रीडम गार्जियन (Ulchi Freedom Guardian) कहा जाता है। बता दें कि वार्ता के बाद ट्रंप ने किम जोंग को एक अच्छा इंसान बताया, जो अपने देश से बेहद प्यार करता है। खबरें की मानें तो ट्रंप ने किम को अमेरिका आने का न्योता भी दिया है। इससे तो लगता है कि ट्रंप पर किम का जादू चढ़ गया है।
पेंटागन हैरान-परेशान
खबरों की मानें तो वॉशिंगटन में पेंटागन, विदेश मंत्रालय और व्हाइट हाउस के अधिकारी अभी तक राष्ट्रपति ट्रंप की घोषणा का असर पता करने में जुटे हुए हैं। पेंटागन के प्रवक्ता क्रिस्टोफर लोगन ने एक ईमेल में कहा, 'रक्षा मंत्रालय व्हाइट हाउस के साथ मिलकर अपने सहयोगियों के साथ आगे काम करता रहेगा। आगे की जानकारी मिलने पर हम इससे ज्यादा सूचना आपको मुहैया कराएंगे।'
दक्षिण कोरिया स्तब्ध
डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग की वार्ता को दक्षिण कोरिया ने सफल बताते हुए सराहना की। साथ ही राष्ट्रपति मून ने कहा कि इससे कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बहाल होगी। लेकिन सैन्य अभ्यास बंद करने के फैसले से दक्षिण कोरिया भी हैरान है। ट्रंप की घोषणा के बाद से दक्षिण कोरियाई राजधानी में इस बात का डर है कि उत्तर कोरिया के परमाणु हथियार नष्ट करने से पहले ही वॉशिंगटन रियायत देने में बहुत जल्दबाजी कर रहा है। दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय ने जल्दबाजी में एक बयान जारी कर बताया कि वह ट्रंप की मंशा जानने की कोशिश कर रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े सैन्य अभ्यासों में से एक है। बीते साल यह अभ्यास 11 दिनों तक चला था और इसमें करीब 17 हजार 500 अमेरिकी सैनिक और 50 हजार दक्षिण कोरियाई सैनिकों ने हिस्सा लिया था।