ट्रंप को फिर लगा झटका, पूर्व वकील कोहेन को तीन साल की जेल, कही यह बड़ी बात
कोहेन ने राष्ट्रपति के खिलाफ जांच में सहयोग का किया वादा। चुनाव के दौरान नियमों के उल्लंघन के मामले में ट्रंप की बढ़ सकती हैं मुश्किलें।
न्यूयॉर्क, रायटर। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। उनके पूर्व वकील माइकल कोहेन को अमेरिका की एक अदालत ने तीन साल जेल की सजा सुनाई है। उन पर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान नियमों के उल्लंघन का आरोप है। कोहेन ने अदालत के समक्ष सभी आरोपों को स्वीकार करते हुए जांच में सहयोग की बात कही है।
एक समय ट्रंप के लिए सीने पर गोली खाने का दावा करने वाले कोहेन ने कहा, 'अंधी निष्ठा के कारण मैंने ट्रंप के गलत कामों को छुपाया। मैं राष्ट्रपति के संबंध में हर वह जानकारी देने को तैयार हूं, जो मेरे पास है। मैं अपनी सच्चाई को साबित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं और सुनिश्चित करता हूं कि इतिहास मुझे इन मामलों में खलनायक की तरह याद नहीं करेगा।' जज विलियम पॉले ने कोहेन को दो मामलों में सजा सुनाई।
चुनाव अभियान को प्रभावित करने के लिए पैसा देने, कर चोरी और सरकारी बैंक को धोखा देने के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई। वहीं, रूस में ट्रंप टावर प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस से झूठ बोलने के मामले में उन्हें दो महीने की सजा सुनाई गई। उन्हें छह मार्च को आत्मसमर्पण करना होगा और दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। सुनवाई के दौरान 52 वर्षीय कोहेन की पत्नी, बेटा और बेटी भी उपस्थित थे। कोहेन को जांच एजेंसियों का सहयोग करने के लिए मनाने वाले उनके पिता मौरिस भी इस दौरान वहीं थे।
कोहेन ने अगस्त में अपना अपराध स्वीकार करते हुए कहा था कि ट्रंप के कहने पर ही उन्होंने प्लेबॉय की मॉडल केरेन मैकडोगल और वयस्क फिल्मों की अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसा दिया था। जांच अधिकारियों का कहना है कि कि ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान को बचाने के लिए पैसा दिया था। वहीं ट्रंप का कहना है कि इन मामलों का चुनाव अभियान से कोई लेना-देना नहीं था।
दूसरी ओर टेबलॉयड समाचार पत्र नेशनल इंक्वायरर के पब्लिशर ने भी चुनावी अभियान प्रभावित करने के लिए ट्रंप की ओर से पैसा मिलने की बात कही है। पब्लिशर की यह स्वीकारोक्ति ट्रंप के बयान से बिलकुल उलट है। इन दोनों घटनाक्रमों से ट्रंप की मुश्किल बढ़ गई है। कुछ विधि विशेषज्ञों का कहना है कि पद छोड़ने के बाद इन अपराधों में ट्रंप पर मामला दर्ज किया जा सकता है। न्याय विभाग की नीति के तहत किसी पदासीन राष्ट्रपति पर अभियोग नहीं चलाया जा सकता।