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संसद से झूठ बोलने के मामले में ट्रंप के सलाहकर रोजर स्टोन दोषी करार, छह फरवरी को सुनाई जाएगी सजा

संसद से झूठ बोलने के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकर रोजर स्टोन को दोषी करार दिया गया है। उन्‍हें छह फरवरी को सजा सुनाई जाएगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 07:31 AM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 09:27 AM (IST)
संसद से झूठ बोलने के मामले में ट्रंप के सलाहकर रोजर स्टोन दोषी करार, छह फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
संसद से झूठ बोलने के मामले में ट्रंप के सलाहकर रोजर स्टोन दोषी करार, छह फरवरी को सुनाई जाएगी सजा

वाशिंगटन, रायटर। पद के दुरुपयोग के मामले में महाभियोग की जांच का सामना कर रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। एक अदालत ने उनके सबसे लंबे समय तक सलाहकार रहे रोजर स्टोन (Roger Stone) को संसद की इंटेलीजेंस कमेटी के सामने झूठ बोलने, जांच में बाधा डालने और सुबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिया है। स्टोन को अगले साल छह फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें कई साल कैद की सजा हो सकती है।

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सात महिला और तीन पुरुष जजों की पीठ ने अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव (United States elections of 2016) में रूसी हस्तक्षेप (Russian interference) की जांच करने वाले विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर (Robert Mueller) की जांच बाद लंबित मामले में यह फैसला दिया है। यह सिर्फ 67 वर्षीय स्टोन के लिए झटका भर नहीं है, बल्कि एक प्रत्याशी के रूप में ट्रंप की भूमिका को भी दोबारा जांच के दायरे में ला दिया है। ट्रंप ने फैसले की निंदा की है। फ‍िलहाल, स्‍टोन सात आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें उन्‍हें 50 साल तक की कैद हो सकती है। 

उल्‍लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से जुड़े मामलों की जांच से जुड़े इस मामले में स्टोन को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के चुनाव प्रचार सहयोगी रहे स्टोन को साल 2016 की गर्मियों में ही पता चल गया था कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ई-मेल चुराये गए थे। यही नहीं स्टोन पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सामने कथित गलतबयानी के आरोप भी थे।

दूसरी ओर, अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के महाभियोग की प्रक्रिया शुक्रवार को भी जारी रही। प्रतिनिधि सभा में दूसरी बार कैमरे के सामने हुई सुनवाई में यूक्रेन में अमेरिका की पूर्व राजदूत मैरी योवानोविच पेश हुईं। उन्हें ट्रंप के वकील रूडी गुलियानी के साथ मतभेदों के चलते मई में हटा दिया गया था। गुलियानी यूक्रेन में पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू कराने में सहयोग न करने के चलते मैरी से नाराज हो गए थे। यह जांच राष्ट्रपति ट्रंप को फायदा पहुंचा सकती थी। 

सुनवाई के दौरान ही राष्ट्रपति ट्रंप के ट्वीट आने से शुरू हो गए। उन्होंने मैरी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए उसे बहुत बुरा बताया। जवाब में मैरी ने कहा, उनका सरकारी सेवा में 33 साल का करियर है। इस दौरान उन्होंने हर जगह शानदार काम किया। इसी काम की वजह से यूक्रेन में उन्हें राजदूत बनाया गया था। लेकिन वहां उनका अपने सेवाकाल का सबसे बुरा अनुभव रहा। उन्होंने राष्ट्रपति पर धमकाने का आरोप लगाया। इस पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने सहमति जताई। 

प्रतिनिधि सभा की जांच समिति के प्रमुख एडम स्किफ ने कहा, गवाह को इस तरह से धमकाना बहुत ही गंभीर बात है। महाभियोग की जांच ट्रंप के अपने यूक्रेनी समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की से 25 जुलाई को फोन पर बातचीत को लेकर हो रही है। इस बातचीत में ट्रंप ने बिडेन के खिलाफ अमेरिकी सैन्य सहायता में गड़बड़ी के आरोप में जांच कराने के लिए कहा था। यह बातचीत एक खुफिया अधिकारी ने सुन ली और बाद में वह व्हिसल ब्लोअर बन गया और डेमोक्रेटिक पार्टी के बड़े नेताओं तक यह बात पहुंच गई। इसी के बाद ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की रूपरेखा बनी। 


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